0 कहा- चुनाव आयोग की छवि बिगाड़ रही कांग्रेस
0 राहुल वोट चोरी पर 3 प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके
नई दिल्ली। चुनाव आयोग पर लग रहे वोट चोरी के आरोपों पर देशभर के 272 रिटायर्ड जजों और ब्यूरोक्रेट्स ने बुधवार को एक ओपन लेटर जारी किया है। इसमें लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की गई है। लेटर में 16 पूर्व जज, 123 सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट (14 पूर्व राजदूत सहित) और 133 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों के सिग्नेचर हैं।
इन रिटायर्ड जजों और ब्यूरोक्रेट्स ने ओपन लेटर में आरोप लगाया है कि कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं की साख कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनावश्यक अविश्वास फैलता है।
लेटर में यह भी कहा गया कि चुनाव आयोग भारत की चुनाव प्रणाली का सबसे अहम स्तंभ है। उस पर बार-बार सवाल उठाने से जनता का भरोसा कमजोर होता है और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है। राजनीतिक मतभेद जरूरी हैं, लेकिन संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार आरोप लगाना देशहित के खिलाफ है। दरअसल, राहुल गांधी चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप में अब तक तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। उन्होंने आयोग को मोदी सरकार की “बी टीम” भी कहा था। भाजपा के साथ वोट चोरी करने का आरोप लगाया था।
लेटर की प्रमुख बातें
0 पहले सेना, फिर न्यायपालिका और संसद पर सवाल उठाए गए, और अब चुनाव आयोग को निशाना बनाया जा रहा है। यह एक “खतरनाक चलन” बन गया है, जिसमें चुनावी हार को छिपाने के लिए संस्थाओं की साख पर हमला किया जा रहा है।
0 राहुल गांधी चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का आरोप लगाया, उसे “गद्दारी” तक कहा और अधिकारियों को धमकाया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कोई आधिकारिक शिकायत या हलफनामा पेश नहीं किया। यह सिर्फ “राजनीतिक नाराजगी” है, जिसका कोई ठोस आधार नहीं है।
0 जब विपक्षी पार्टियां जीतती हैं, तब चुनाव आयोग पर कोई आरोप नहीं लगता, लेकिन हार मिलते ही आयोग को दोषी ठहराना शुरू हो जाता है। यह “राजनीतिक अवसरवाद” है।
0 टीएन शेषन और एन गोपालस्वामी जैसे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने आयोग को बेहद मजबूत और निष्पक्ष संस्था बनाया है, इसलिए आज उस पर बेबुनियाद हमले लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक हैं।
0 सभी भारतीय चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास बनाए रखें। उन्होंने कहा कि फर्जी वोटर, गैर-नागरिक और अवैध प्रवासियों को वोटर लिस्ट से बाहर रखना देश की सुरक्षा और लोकतंत्र दोनों के लिए जरूरी है।
0 सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमेन आदर्श कुमार गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हेमंत गुप्ता समेत 16 पूर्व जजों के सिग्नेचर हैं। वहीं, पूर्व रॉ चीफ संजीव त्रिपाठी और एनआईए के पूर्व डायरेक्टर योगेश चंद्र मोदी समेत 123 सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट (14 पूर्व राजदूत सहित) और 133 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं।