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नई दिल्ली। आशंका है कि उनका इरादा कमरे को आग के हवाले करना था, लेकिन आशंका है कि इससे पहले ही दम घुटने से उनकी मौत हो गई। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें मौत के कारणों का खुलासा किया गया है। हालांकि पुलिस अभी इसका खुलासा नहीं कर रही है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान महिला के पति की मौत हो गई थी। उसके बाद से महिला की तबीयत काफी खराब रह रही थी। महिला ज्यादातर बिस्तर पर रहती थी। इसकी वजह से उनके साथ-साथ उनकी दो बेटियां भी अवसाद में थीं। मृतकों की शिनाख्त मंजू और उसकी दोनों बेटियों अंशिका और अंकू के रूप में हुई है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात 8.55 बजे सूचना मिली कि वसंत अपार्टमेंट के हाउस नंबर 207 में रहने वाले दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने देखा कि दरवाजे और खिड़कियां चारों तरफ से बंद हैं।

पुलिस ने किसी तरह से दरवाजा को खोला। कमरे के बाहर गैस सिलेंडर को खुला पाया। पास ही एक सुसाइड नोट रखा हुआ था। अंदर के कमरे में जाने पर एक महिला और दो युवतियां विस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ी मिलीं। कमरे में तीन छोटी-छोटी अंगीठी रखी हुई थीं।

जांच करने पर पता चला कि तीनों की मौत हो चुकी थी। आशंका जताई जा रही है कि दम घुटने से तीनों की मौत हुई है। जांच में पता चला कि महिला के पति का अप्रैल 2021 में कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद से पूरा परिवार अवसाद में था। मंजू बीमारी की वजह से विस्तर पर थी।

वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि महिला के पति एक चार्टड अकाउंटेंट के सहायक का काम करते थे। कोरोना महामारी के दौरान परिवार ने कुछ रिश्तेदारों से पैसे लिए थे। पति की मौत के बाद वह पैसा वापस नहीं कर पा रही थीं। इस वजह से तीनों काफी परेशान थीं।

पुलिस ने तीनों शवों को सफदरजंग अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हो पाएगा कि इन लोगों की मौत दम घुटने से हुई है या फिर इन लोगों ने कोई जहरीला पदार्थ खाया था।