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मुंबई। महाराष्ट्र का सियासी घमासान निर्णायक मोड़ की तरफ बढ़ रहा है। एक तरफ भाजपा ने यहां सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है तो दूसरी तरफ शिंदे गुट के विधायक भी गुवाहाटी के होटल से निकल चुके हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने मंगलवार शाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात भी की थी। वहीं फ्लोर टेस्ट के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। उधर शिंदे गुट अपने समर्थक विधायकों को गोवा शिफ्ट कराने की तैयारी में है।

असंतुष्ट गुट में कितने विधायक हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने नीरज किशन कौल से पूछा- असंतुष्ट गुट में कितने विधायक हैं? अधिवक्ता कौल का कहना था कि 55 में से 39 विधायक हैं, इसलिए फ्लोर टेस्ट का सामना करने को लेकर घबराहट है। बागी विधायक शिवसेना नहीं छोड़ रहे हैं। हम शिवसेना है, हमारे पास प्रचंड बहुमत है। 
 
शिंदे गुट के वकील नीरज किशन कौल की दलील
एकनाथ शिंदे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल का कहना था कि फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए सीएम की अनिच्छा का प्रथम दृष्टया यह अर्थ लगाया जाएगा कि उन्होंने सदन में बहुमत खो दिया। फ्लोर टेस्ट का अंतर्निहित उद्देश्य राजनीतिक जवाबदेही और राजनीतिक नैतिकता को बनाए रखना है, और सुप्रीम कोर्ट ने इसे माना है।
 
उद्धव कैबिनेट ने लिया अहम फैसला
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच राज्य कैबिनेट ने आज अहम फैसला लिया। उद्धव कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने को मंजूरी दी है। इसी तरह नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदलकर डीबी पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।   
 
शिंदे बोले, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे
गुवाहाटी छोड़ने से कुछ मिनट पहले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार शाम को कहा कि असंतुष्ट विधायक महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा दिए गए फ्लोर टेस्ट को चुनौती देने वाली उनकी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे। गुवाहाटी हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायक महाराष्ट्र और राज्य के लोगों के विकास के लिए काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब से थोड़ी देर में आएगा। हम शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार काम करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या असंतुष्ट भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेंगे, उन्होंने कहा, हम गुरुवार को मुंबई पहुंचेंगे और शक्ति परीक्षण में भाग लेंगे। हम अपनी भविष्य की रणनीति उसके बाद तय करेंगे। 
 
बहुमत परीक्षण का फैसला राज्यपाल का अधिकार
नीरज किशन कौल ने कहा - यह (फ्लोर टेस्ट) राज्यपाल के विवेक के लिए बनाया गया क्षेत्र है। जब तक राज्यपाल के निर्णय को घोर तर्कहीन या दुर्भावनापूर्ण नहीं माना जाता, तब तक कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता।
 
अयोग्यता की कार्यवाही का फ्लोर टेस्ट पर कोई असर नहीं
एकनाथ शिंदे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने तर्क दिया - सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोग्यता की कार्यवाही का फ्लोर टेस्ट पर कोई असर नहीं पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जिस वक्त कोई सीएम अनिच्छा दिखाता है, यह प्रथम दृष्टया बताता है कि वह सदन का विश्वास खो चुका है। 
 
सिंघवी बोले- बागी विधायकों ने असत्यापित ईमेल भेजा
अधिवक्ता सिंघवी ने कहा- ये विधायक 10वीं अनुसूची की शक्ति का प्रयोग करने से अक्षम करने के लिए एक असत्यापित ईमेल भेजकर सूरत और फिर गुवाहाटी चले जाते हैं कि उन्हें स्पीकर पर कोई भरोसा नहीं है।
 
सिंघवी बोले, कल फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो क्या आसमान गिर जाएगा?
अधिवक्ता सिंघवी ने कहा- जहां मामला सुप्रीम कोर्ट में फैसले का इंतजार कर रहा है, वहीं कोविड से ठीक हुए राज्यपाल अगले दिन विपक्ष के नेता के साथ बैठक के बाद फ्लोर टेस्ट की मांग कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा, जो लोग पक्ष बदल चुके हैं और दलबदल कर चुके हैं, वे लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। क्या राज्यपाल कल फ्लोर टेस्ट नहीं बुलाने के लिए कोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते है? कल फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो क्या आसमान गिर जाएगा?
 
सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा ये सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सुनील प्रभु की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक सिंघवी से पूछा- क्या आप इस बात पर विवाद कर रहे हैं कि आपकी पार्टी के 34 सदस्यों ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं? सिंघवी ने जवाब दिया - कोई सत्यापन नहीं किया गया है। सरकार ने एक सप्ताह तक पत्र रखा और केवल तभी कार्रवाई की जब एलओपी उनसे मिले। सरकार की हर कार्रवाई न्यायिक समीक्षा के अधीन है। 
 
शिवसेना नेता सुनील प्रभु की ओर से शीर्ष न्यायालय में पेश हुए सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि शक्ति परीक्षण की अनुमति देने का मतलब 10वीं अनुसूची को निष्क्रिय करना होगा।

इतनी जल्दबाजी में कैसे होगा फ्लोर टेस्ट: उद्धव गुट
उद्धव गुट के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इतनी जल्दबाजी में फ्लोर टेस्ट बुलाना चौंकाने वाला फैसला है। उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी के दो सदस्यों को कोरोना है, जबकि कांग्रेस विधायक विदेश में हैं। ऐसे में किसी पार्टी के सही बहुमत का अंदाजा नहीं लग पाएगा। 

एकनाथ शिंदे बोले- हम बागी नहीं, असली शिवसेना
शिवेसना के बागी विधायक गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है उनका पक्ष बागी नहीं है, बल्कि असली शिवसेना है। शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब ठाकरे को मानने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम कल मुंबई पहुंचेंगे और विश्वास मत में हिस्सा लेंगे। इसके बाद हम दल की बैठक करेंगे और आगे के कदम पर चर्चा करेंगे।

उद्धव गुट के वकील बोले- स्पीकर के फैसले से पहले न हो फ्लोर टेस्ट
सुप्रीम कोर्ट में उद्धव गुट की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर के फैसले से पहले वोटिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें आज ही फ्लोर टेस्ट का पता चला है। लेकिन जिस सुपरसोनिक स्पीड से फ्लोर टेस्ट का फैसला किया गया है, उससे अस बहुमत पता चलना मुश्किल हो सकता है। 

गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंचे शिंदे गुट के विधायक
महाराष्ट्र के बागी विधायक असम के गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल छोड़कर गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह विधायक फ्लोर टेस्ट से पहले गोवा या महाराष्ट्र का रुख कर सकते हैं।