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0 गर्भवती के लिए स्वास्थ्यकर्मियों ने बनाया रास्ता; बालोद में छात्र बहा

​​​​​​​कोंटा/सुकमा/धमतरी/बालोद। बस्तर संभाग समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कोंटा में शबरी नदी का जल स्तर अब कम होने लगा है, इससे अब लोगों को राहत की उम्मीद हुई है। वहीं तेलंगाना और महाराष्ट्र में बारिश थमने के बाद छत्तीसगढ़ में थोड़ी राहत मिली है। सुकमा में शबरी नदी का जल स्तर कम होने लगा है। देर रात तक फिर छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाला हाईवे खुलने की संभावना है। वहीं कोंटा के रिहायशी इलाकों में घुसा पानी भी अब कम होने लगा है। ऐसे में बिजली सप्लाई भी शुरू होने की बात कही जा रही है। हालांकि गोदावरी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा टला नहीं है। वहीं बालोद में NEET देकर लौट रहा एक छात्र उफनते नाले में बह गया है।

गोदावरी के उफान और शबरी के बैक वाटर के चलते कोंटा शहर के करीब 6 से 7 वार्ड प्रभावित हुए हैं। लोगों को उनके घरों से निकाल कर प्रशासन की टीम ने सुरक्षित राहत शिविरों में रखा है। बाढ़ के चलते ज्यादातर मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हालांकि डुबान क्षेत्र अभी भी पानी की चपेट में है। वहां करीब 10 फीट पानी भरा हुआ है। इसके चलते सुकमा मुख्यालय की ओर चिकवारगुड़ा, फंदीगुड़ा और इंजरम में भी नालों के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे कोंटा का संपर्क इन सभी इलाकों से कटा हुआ है।

कलेक्ट पर भड़के लोग, बाढ़ पीड़ितों से बिना मिले लौटे
सुकमा कलेक्टर हरीश एस रविवार शाम को बाढ़ प्रभावितों से मिलने और डुबान क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे थे। वहां लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इसके चलते कलेक्टर बाढ़ पीड़ितों से बिना मिले ही लौट गए। इससे प्रभावितों का गुस्सा और फूट पड़ा। राहत शिविरों में रखे गए शरणार्थियों का आरोप है कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं। इसके चलते प्रभावितों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। कलेक्टर फिर नाव से इंजरम पहुंचे और देर रात प्रभावितों के लिए राशन कोंटा रवाना किया।

एंबुलेंस कर्मियों ने रास्ता दुरुस्त कर गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
सुकमा में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने बदहाल रास्ते को भी सही कर दिया। इसके बाद महिला को सकुशल अस्पताल पहुंचाया। वहां महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। मामला दुलेट पंचायत का है। यहां की संगीता यादव को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन बुर्कापाल के नाले ने उसका रास्ता रोक लिया। इस पर स्वास्थ्य कर्मी महेंद्र, सुपरवाइजर राजेश्वरी, एएनएम रंजना और चालक दिलीप नायक ने रास्ते की मरम्मत कर उसे ठीक किया।

पिता-पुत्र नाले में बहे, बेटे का 20 घंटे बाद मिला शव
वहीं बालोद में ग्राम सांकरा और बरही के बीच रविवार रात करीब 8.30 बजे एक छात्र नाले में बह गया। सूचना पर पुलिस और SDRF की टीम ने करीब 20 घंटे बाद उसका शव बरामद किया। बताया जा रहा है कि कांकेर के चरामा के ग्राम चिनौरी निवासी नितेश कुमार (18) अपने पिता उमेश दर्रो के साथ NEET देने के लिए गया था। स्कूटी से लौटते समय सेमरिया नाला पार करने के दौरान तेज बहाव में बह गए। किसी तरह लोगों ने पिता को बचा लिया, पर बेटे का पता नहीं चल सका था।

गंगरेल डैम 98.5% भरा, रुद्री बैराज का लेवल भी बढ़ा
धमतरी में पिछले 24 घंटे के दौरान 77.9 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। कैचमेंट एरिया से पानी की आवक करीब 50 हजार क्यूसेक गंगरेल बांध में हो रही। इसके चलते बांध से 50 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी रुद्री बैराज के लिए छोड़ा जा रहा है। 17 जुलाई को गंगरेल के सभी 14 गेट खोले गए थे। आवक थोड़ी कम होने के बाद रात में 8 गेट बंद कर दिए गए। रुद्री बैराज का लेवल भी बढ़ गया है। रुद्री बैराज के भी 23 में से 22 गेट खोल दिए गए हैं। गंगरेल बांध 98.50% यानी 31.617 टीएमसी भर गया है। बांध की कुल क्षमता 32.150 टीएमसी है।

छत्तीसगढ़ में 5 दिन बारिश का यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने सोमवार से 5 तक प्रदेश के कई जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कई स्थानों पर बिजली भी गिर सकती है। रायपुर के गरियाबंद, धमतरी और महासमुंद जिलों के लिए मंगलवार को यलो अलर्ट है। इसी तरह दुर्ग संभाग के दुर्ग, कबीरधाम, बालोद, राजनांदगांव और बस्तर संभाग के कांकेर और बीजापुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। गरज चमक के साथ इन इलाकों में बारिश होगी।

दुर्ग से नीट देकर कांकेर लौट रहा छात्र बालोद में नाला पार करने के दौरान बह गया। देर शाम उसका शव बरामद किया जा सका।