Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि देशभर में अच्छी और मुफ़्त शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं देने के कार्य में अब हमें युद्धस्तर पर काम करना चाहिए, तभी भारत दुनिया का नंबर वन देश बनेगा।

श्री केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में आज कहा कि मेरी जिंदगी का एक ही सपना है। मैं अपने जीते-जी भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहता हूं। भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ देश देखना चाहता हूं। हम सब लोग चाहते हैं कि भारत एक अमीर देशों में गिना जाए। भारत अमीर कैसे बनेगा? भारत अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा। ऐसा तो नहीं हो सकता है कि भारत अमीर देश बन गया और भारत के लोग गरीब रह गए। फिर तो भारत अमीर देश नहीं हो सकता है और ऐसा भी नहीं हो सकता है कि सारे भारतवासी अमीर हो जाएं और भारत गरीब देशों में गिना जाए। यह भी नहीं हो सकता है। भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा। मैं हर गरीब आदमी को अमीर बनाना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि गरीब आदमी अमीर कैसे बनेंगे? आप एक कल्पना कीजिए कि एक गरीब किसान, एक गरीब मजदूर है, एक गरीब कारपेंटर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियल है, वो अपने बच्चे को एक सरकारी स्कूल में भेजना है और सरकारी स्कूल की हालत बहुत खराब है। उसमें पढ़ाई होती नहीं है। कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। दीवारें टूटी हुई हैं, छतें टपक रही हैं। तो वह बच्चा भी कुछ पढ़ेगा तो है नहीं और बड़ा होकर उसको छोटे-मोटे काम करने पड़ेंगे। गरीब का बच्चा गरीब ही रह जाएगा। वहीं, अगर हम सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा कर देते हैं, स्कूल में पढ़ाई बहुत अच्छी कर देते हैं और एक किसान, मजदूर, रिक्शेवाले, प्लंबर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, लोअर मीडिल क्लास या मीडिल क्लास का बच्चा अगर उस सरकारी स्कूल में जाता है, जहां पढ़ाई बहुत अच्छी होती है तो वहां से निकलकर वो बच्चा एक डॉक्टर, इंजीनियर बनता है, अच्छा बिजनेस करता है। फिर वो अपने परिवार की गरीबी दूर करेगा। उसका परिवार अमीर बन जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने देश में करीब 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इनमें से कुछ चंद स्कूलों को छोड़ दें, जो अच्छे हैं, तो देशभर में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है। इनके मां-पिता के पास पैसे नहीं हैं। इसलिए वे अपने बच्चों को इन सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। माता-पिता बहुत गरीब हैं। वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं और वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं है, तो ये बच्चे भी बड़े होकर गरीब ही रह जाएंगे। अगर हम इन सरकारी स्कूलों को दिल्ली के जैसे बहुत शानदार बना दें, अगर इन सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी चालू कर दें और अगर ये बच्चे बड़े होकर अच्छे बिजनेसमैंन, व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील बनना शुरू हो जाएं, तो एक-एक बच्चा अपने-अपने परिवार को अमीर बना देगा।

श्री केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है। क्यों देता है? अमेरिका अमीर देश है, इसलिए अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा नहीं देता है, बल्कि अमेरिका इसलिए अमीर देश बना, क्योंकि वो अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है। अगर आज अमेरिका अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देना बंद कर दे, तो अमेरिका गरीब देश बन जाएगा। इंग्लैंड और डेनमार्क भी अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देता है। अगर हर भारतीय को अमीर बनना है, तो हमें चार काम करने पड़ेंगे। पहला, देश के अंदर जितने भी सरकारी स्कूल हैं, सबको शानदार बनाना पड़ेगा। दूसरा, ढेर सारे नए सरकारी स्कूल खोलने पड़ेंगे। तीसरा, पूरे देश के अंदर जितने अस्थायी शिक्षक हैं, उनको स्थायी करना पड़ेगा और बहुत बड़े स्तर पर नए शिक्षकों की भर्ती करनी पड़ेगी। चौथा, शिक्षकों की शानदार ट्रेनिंग करानी पड़ेगी और अगर जरूरत पड़ेगी, तो विदेशों में ट्रेनिंग करानी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं केंद्र सरकार को यह ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करिए, हम भी तो इसी देश के हैं, राजनीति को अलग रख देते हैं। आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करो, हम-आप और देश के 130 करोड़ भारतीय मिलकर सारे सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगे। सारी सरकारें मिलकर सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगी। यह हो सकता है और इसको फ्री-बी कहना बंद करो। अच्छी शिक्षा देना फ्री-बी नहीं है। एक टाइम कम भी खाना पड़े, तो देश के 130 करोड़ लोग उसके लिए भी तैयार हैं, लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के अंदर हर व्यक्ति को यह सुरक्षा चक्र मिल सकता है कि उसका सारा इलाज मुफ्त है। छोटी से छोटी क्रोसीन से लेकर 20 लाख या 50 लाख का भी ऑपरेशन होगा, तो वो भी मुफ्त होगा, तो यह पूरे देश में भी हो सकता है। इसके लिए हमें बड़े स्तर के उपर पूरे देश में सरकारी अस्पताल खोलने पड़ेंगे। सरकारी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी खोलनी पड़ेगी। अस्पतालों के अंदर एक्सरे, एमआरआई की मशीन लगानी पड़ेगी। टेस्ट का इंतजाम करना पडेगा। यह हो सकता है और सरकार के पास पैसा है। अगर दिल्ली में हो सकता है, तो पूरे देश में हो सकता है। इसके लिए सिस्टम बनाना पड़ेगा।