नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आठ महीने के बाद भी जारी है। इस बीच दोनों देश कूटनीति स्तर दुनिया के अलग-अलग देशों से संपर्क कर रहे हैं। इसी कड़ी में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने गुरुवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से कहा कि यूक्रेन विवाद को बातचीत और कूटनीति से सुलझाया जाना चाहिए और किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प का सहारा नहीं लेना चाहिए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टेलीफोन पर हुई बातचीत में शोइगू ने राजनाथ सिंह को यूक्रेन की उभरती स्थिति के बारे में जानकारी दी, जिसमें 'डर्टी बम' के इस्तेमाल से उकसावे की संभावना के बारे में उनकी चिंताएं भी शामिल थीं। रूस और यूक्रेन के बीच शत्रुता बढ़ने के बीच रूसी रक्षा मंत्री की पहल पर यह बातचीत हुई।
किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प का सहारा नहीं लेने के लिए कहा
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राजनाथ सिंह ने संघर्ष के जल्द समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलने की जरूरत पर भारत के रुख को दोहराया। उसने कहा कि किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प का सहारा नहीं लेना चाहिए क्योंकि परमाणु या रेडियोलाजिकल हथियारों के इस्तेमाल की संभावना मानवता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इसमें कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर भी चर्चा की।
रूस बना रहा यूक्रेन के शहरों को निशाना
लगभग दो सप्ताह पहले रूस के क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर एक बड़े विस्फोट के जवाब में मास्को के साथ यूक्रेन के विभिन्न शहरों को निशाना बनाकर जवाबी मिसाइल हमले किए हैं। इससे रूस और यूक्रेन के बीच शत्रुता तेज हो गई है। इस बीच रूस ने यूक्रेन के बिजली घरों को निशाना बनाया है, जिससे कीव समेत विभिन्न शहरों में बिजली पानी का संकट पैदा हो गया है। इस दौरान ईरान में बने ड्रोन का भी सहारा लिया जा रहा है। मास्को ने विस्फोट के लिए कीव को जिम्मेदार ठहराया।
रूस के भारी हमलों के कारण एक बार फिर यूक्रेन से दूसरे देशों में पलायन को मजबूर हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर डोनास्क, खेरसान और अन्य क्षेत्रों में यूक्रेन और रूस की सेनाएं एक दूसरे सामने हैं। इस दौरान बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले जारी हैं। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने एक सप्ताह में दूसरी बार भारी हमलों को देखते हुए भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ने के लिए कहा है।