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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण को देखते हुए राजधानी में प्राइमरी स्कूल शनिवार से बंद रहेंगे और ऑड-ईवन लागू करने पर भी विचार किया जाएगा।

श्री केजरीवाल ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि प्रदूषण केवल पंजाब-दिल्ली की समस्या नहीं है, यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है। आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद कर इसका समाधान तलाशना चाहिए। प्रदूषण को देखते हुए कल से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे और ऑड-ईवन लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संयुक्त बैठक कर प्रदूषण के कारणों पर काम करना पड़ेगा ताकि पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाया जा सके। दिल्ली की हवा जितनी ख़राब है, उतनी ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और राजस्थान के शहरों की भी ख़राब है। दूसरे शहरों में केजरीवाल की वजह से प्रदूषण नहीं हो रहा है। पंजाब में पराली जल रही है, इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं, हम ज़िम्मेदार हैं। वहीं, श्री भगवंत मान ने कहा कि हमने पराली की समस्या को ख़त्म करने के लिए 1.20 लाख मशीनें दी, एप बनाया और बॉयो एनर्जी का प्लांट लगाने समेत कई क़दम उठाए। हमारा वादा है कि हम अगले साल नवंबर तक पराली की समस्या सुलझा लेंगे।

श्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके कई सारे पहलू है। यह समस्या केवल दिल्ली की नहीं है, बल्कि यह पूरे उत्तर भारत की है। दिल्ली, चरखी दादरी, रोहतक, भिवानी, गुडगांव, बहादुरगढ़, जींद, मानेसर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और राजस्थान में भिवाड़ी, इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। जितनी खराब हवा दिल्ली में है, उतनी ही खराब इन सभी शहरों में भी है। इसके अलावा, धारूहेड़ा, कैथल पानीपत, बल्लभगढ़, फरीदाबाद सोनीपत, नारनौल, कुरुक्षेत्र, बागपत, मेरठ, कानपुर और बिहार में मोतिहारी, बेतिया और कटिहार में हवा बेहद खराब श्रेणी में है। प्रदूषण की यह समस्या पूरे उत्तर भारत की है।

जाहिर तौर पर इसके लिए सिर्फ आम आदमी पार्टी या केजरीवाल जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए दिल्ली और पंजाब की सरकार केवल जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई सारे कारण है। कई स्थानीय कारण है तो कई क्षेत्रीय कारण है। एक राज्य की हवा उसी राज्य में नहीं रहती है। इधर से हवा उधर जाती है और उधर से हवा इधर आती है। इस मामले में केंद्र सरकार को आगे आकर इसके ऊपर विशेष कदम उठाने पड़ेंगे ताकि पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जब तक वायु गणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता तब तक प्राइमरी स्कूल बंद कर रहेंगे। इसके अलावा ऑड-ईवन पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पांचवीं कक्षा से ऊपर की कक्षाओं की आउटडोर एक्टिविटीज बंद रहेंगी। छात्रों को स्पोर्ट्स और आउटडोर एक्टिविटीज की अनुमति नहीं होंगी।