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नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की उस याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा, जिसमें उनके धार्मिक विश्वासों के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने की मांग की गई है। याचिका में सत्येंद्र जैन की चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध भी याचिका में किया गया था। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने बुधवार के लिए मामले को सूचीबद्ध किया और तिहाड़ जेल अधिकारियों को सत्येंद्र जैन के भोजन और स्वास्थ्य की स्थिति से संबंधित जानकारी तलब की।

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत ने ही सत्येंद्र जैन की कानूनी टीम द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर भी विस्तृत दलीलें सुनीं। इस याचिका में ईडी पर सत्येंद्र जैन के सीसीटीवी फुटेज को लीक करने का आरोप लगाया गया है। सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि ईडी ने तिहाड़ जेल के अंदर के वीडियो वाले पेन ड्राइव की किसी भी सामग्री को लीक नहीं करने का वचन दिया था लेकिन उसने वादे को तोड़ दिया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई 28 नवंबर, 2022 तक के लिए टाल दी। 

सत्येंद्र जैन के वकील ने अपनी दलील में कहा कि जेल प्रशासन ने जैन को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना बंद कर दिया है, जिसमें फल, सब्जियां, मिश्रित बीज, सूखे मेवे और खजूर शामिल हैं। अदालत के समक्ष यह भी कहा गया कि चूंकि सत्येंद्र जैन पिछले 6 महीनों से धार्मिक उपवास पर हैं, इसलिए उनके पोषण और जीवित रहने के लिए इस तरह के बुनियादी खाद्य पदार्थों का आहार बेहद जरूरी है। याचिका में कहा गया है कि उक्त धार्मिक उपवास के कारण प्रोटीन और आयरन की कमी होने का गंभीर खतरा है।

मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में सीबीआई की पुरानी प्राथमिकी को आधार बनाया था। जैन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। याचिका में कहा गया है कि आवेदक को प्रदान की जा रही विशेष खाद्य सामग्री बंद किए जाने के कारण पिछले हफ्ते उसका 2 किलो वजन खतरनाक रूप से कम हो गया। गिरफ्तारी के दिन से बीते छह महीनों में जैन का 28 किलो वजन कम हो गया है। 

सत्येंद्र जैन ने अपनी याचिका में कहा है कि जीवित रहने के लिए भोजन प्राप्त करना बुनियादी मानवाधिकार है। तेजी से घटता वजन याचिकाकर्ता की दुर्बल स्वास्थ्य स्थिति का संकेत है। धार्मिक उपवास के दौरान उक्त खाद्य पदार्थों पर रोक लगाया जाना अवैध और मनमाना है। यह याचिकाकर्ता का उत्पीड़न की तरह है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि सत्येंद्र को 21 अक्टूबर को एमआरआई स्कैन समेत एक मेडिकल चेक-अप के लिए बाहर जाना था लेकिन जेल अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी। अब इसमें 30 दिनों की देर हो चुकी है। जैन का गंभीर बीमारी का इतिहास रहा है। पोस्ट कोविड कार्डियो-पल्मोनरी की समस्या और जेल के शौचालय में गिरने के कारण उसके तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा और रीढ़ में चोट आई। इसके लिए जैन को अस्पताल जाना पड़ा था। डॉक्टरों की ओर से उन्हें फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी गई थी।