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0 दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती

नई दिल्ली। बिलकिस बानो की याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच से जज जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी ने अपना नाम अलग कर लिया। हालांकि उन्होंने ऐसा करने की वजह नहीं बताई है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मामला किसी दूसरी बेंच को सौंप दीजिए। बिलकिस ने गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई पर फिर से सुप्रीम कोर्ट में ये याचिकाएं दाखिल की गई थीं। 2002 में हुए गुजरात दंगों के समय बिलकिस के साथ गैंगरेप हुआ था।

जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई शुरु होते ही कहा कि उनकी साथी जज मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी। जस्टिस रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया कि मामले को ऐसी बेंच के सामने लिस्ट करें, जिसमें हम दोनों में से कोई सदस्य ना हो। फिलहाल बिलकिस की याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब दूसरी बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इसकी तारीख के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं आई है।

बिलकिस ने दाखिल की थीं दो याचिकाएं
बिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?