0 सभी गंगालूर के साप्ताहित हाट बाजार में नुक्कड़ सभा कर लौट रहे थे
0 लौटते वक्त पदेड़ा गांव के नजदीक नक्सलियों ने चलते वाहनों पर फायरिंग की
0 सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं
बीजापुर। बीजापुर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया है। बताया जा रहा है कि जिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप बैठीं थीं, उस वाहन पर गोलियां लगी हैं। सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। इस हमले के संबंध में अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मामला गंगालूर थाना क्षेत्र का है। नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है।
जानकारी के मुताबिक विधायक विक्रम मंडावी, जिला पंचायत सदस्य समेत कांग्रेसी नेता गंगालूर गए हुए थे। यहां मंगलवार को साप्ताहिक हाट बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया था। लौटते वक्त पदेड़ा गांव के नजदीक नक्सलियों ने चलते वाहनों पर फायरिंग की। हालांकि, सभी वाहन वहां से सुरक्षित निकल गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
काफिले में करीब 10 से 15 गाड़ियां
दरअसल, विधायक विक्रम मंडावी पिछले कई दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र में अंदरूनी इलाकों का दौरा कर रहे हैं। मंगलवार को जब वे नक्सल प्रभावित गांव गंगालूर में नुक्कड़ सभा में शामिल होने गए तो नक्सलियों ने उनपर हमला करने का प्लान बनाया। लौटते वक्त नक्सली पदेड़ा गांव के पास सड़क के किनारे घात लगाए बैठे थे। जैसे ही विधायक का काफिला गुजरा नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इस काफिले में करीब 10 से 15 गाड़ियां थी।
नक्सलियों की किसी एरिया कमेटी ने नहीं ली जिम्मेदारी
बताया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान विधायक का काफिला दूर निकल चुका था। काफिले में शामिल सभी लोग सुरक्षित बताए गए हैं। सभी लोग बीजापुर मुख्यालय लौट आए हैं। वारदात के बाद पुलिस ने इलाके में सर्चिंग तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि विधायक के साथ बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। हालांकि अब तक यह पता नहीं लग पाया है कि नक्सलियों की कौन सी एरिया कमेटी ने वारदात की है। हालांकि पुलिस अफसर अभी कुछ बोल नहीं रहे हैं।
रोकने के बाद भी गए विधायकः गृह मंत्री साहू
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार विक्रम मंडावी जी गंगलूर की तरफ दौरे पर जाने वाले थे। उनको पुलिस वालों ने मना किया था कि वहां मत जाइए। बिना फोर्स और बिना सिक्योरिटी के जाना उचित नहीं है, लेकिन वह रोकने के बाद भी गए और सकुशल लौट आए हैं। उनके काफिले पर कहीं कोई नक्सली हमले की जानकारी अभी नहीं आई है। उनके पीछे जिला पंचायत सदस्य आ रही थीं। उन्होंने गोली चलने और टायर पर लगने की बात कही है। हालांकि पीछे आ रहे पत्रकारों के दल पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। टायर बदलते जरूर पत्रकारों ने उन्हें देखा था। विस्तृत जानकारी मंगाई जा रही है।
झीरम जैसी घटना को अंजाम देने की कोशिश
जिले के अधिकांश कांग्रेस नेता, जन प्रतिनिधि सब मौजूद थे। हालांकि, वक्त रहते सारी गाड़ियां निकल गई, लेकिन जिला पंचायत सदस्य की गाड़ी में गोली लग गई। इस फायरिंग में सभी बाल-बाल बच गए हैं। बताया जा रहा है कि यदि वाहनों को वहां से गुजरने में थोड़ा और वक्त लगता तो माओवादी ढलती शाम में काफिले को एंबुश में फंसा लेते और झीरम जैसे बड़े हमले सकते थे।
बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के दरभा थाना क्षेत्र के झीरम से कांग्रेस के तमाम सीनियर नेता एक सभा करके लौट रहे थे। उसी दौरान शाम के वक्त ही नक्सलियों ने इसी प्रकार से कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था।
बस्तर में नक्सलियों का टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चल रहा है। नक्सली टीसीओसी के दौरान अक्सर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। साल 2013 में टीसीओसी के दौरान ही नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। सुकमा-जगदलपुर मार्ग पर झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के काफिले पर हमला किया था, जिसमें महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल समेत 25 से ज्यादा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मारे गए थे। अब नक्सलियों के इस टीसीओसी को देखते हुए फोर्स भी अलर्ट मोड पर है। बस्तर के सभी जिलों में जवानों को सर्चिंग के लिए निकाला जा रहा है।
4 साल पहले बीजेपी विधायक के बुलेटप्रुफ वाहन को उड़ा दिया था
4 साल पहले भाजपा के आदिवासी नेता और दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी पर नक्सलियों ने 9 अप्रैल 2019 को श्यामागिरी गांव के पास हमला किया था। आईईडी धमाके से मंडावी का बुलेटप्रुफ वाहन उड़ा दिया गया था। बाद में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में विधायक भीमा मंडावी, उनका ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।