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0 बेल पर फैसले के लिए करना होगा इंतजार
0 17 सितंबर के बाद अगली सुनवाई
0 इस केस में 16 लोगों ने किया है सरेंडर

रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता राम अवतार जग्गी हत्याकांड मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में हत्याकांड में शामिल दोषियों की बेल पर उनके वकीलों ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 सितंबर के बाद अगली सुनवाई निर्धारित की है। सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में हुई है।

इस मामले के दोषियों को अपनी बेल पर सुनवाई के लिए आगे और इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि अब तक इस मामले में 16 दोषी कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं। इससे पहले, अभय गोयल, शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौर ने कोर्ट में सरेंडर किया था। उसके बाद याह्या ढेबर, आरसी त्रिवेदी, तत्कालीन थाना प्रभारी वीके पांडे, सीएसपी कोतवाली अमरीक सिंह गिल और सूर्यकांत तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था।

फिरोज सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
जग्गी हत्याकांड केस में दोषी फिरोज सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट में बेल के लिए आवेदन किया था। 8 मई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फिरोज को राहत दी थी। सिद्दीकी अभी जमानत पर बाहर है।

21 साल पहले गोली मारकर की गई थी हत्या
4 जून 2003 को एनसीपी नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे। जिनमें से बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा मिली थी। हालांकि, बाद में अमित जोगी बरी हो गए थे। रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जिस पर अमित के पक्ष में स्टे है।

कौन थे रामावतार जग्गी
कारोबारी बैकग्राउंड वाले रामावतार जग्गी देश के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी थे। जब शुक्ल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए तो जग्गी भी उनके साथ-साथ गए। उस समय स्व. विद्याचरण शुक्ल ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया था।

इस हत्याकांड में ये हैं दोषी
जग्गी हत्याकांड में अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत) विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर दोषी हैं।