
0 बोले-हमें अपनी ताकत बढ़ाने की जरूरत, देश को आत्मनिर्भर बनाना होगा
पुणे। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सशस्त्र बलों के लिए एक रियलिटी चेक साबित हुआ है। इससे पता चला कि हमें भविष्य के लिए कई क्षेत्रों में अपनी ताकत को और मजबूत करने की जरूरत है।
सिंह पुणे में हुए सदर्न कमांड डिफेंस टेक सेमिनार (स्ट्राइड 2025) में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से पता चला कि हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, एंटी ड्रोन सिस्टम, लो-लेवल रडार और बिना जीपीएस वाले मिलिट्री-ग्रेड ड्रोन्स की कमी है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है। रक्षा मंत्रालय तुरंत जरूरी उपकरण खरीद रहा है, वहीं लंबे समय के लिए डीआरडीओ और निजी कंपनियों के साथ मिलकर स्वदेशी तकनीक पर काम किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसका मकसद एलओसी पर और उसके पार मौजूद आतंकी बुनियादी ढांचे को सटीक और रणनीतिक तरीके से खत्म करना था।
सिंह ने मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ की
सिंह ने मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम की भी तारीफ की। उनके कहा कि ऑपरेशन के दौरान यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने में बेहद प्रभावी रहा और बड़े नुकसान से देश को बचा लिया।
सेना प्रमुख ने कहा था-जमीन पर कब्जा भारत में जीत का पैमाना
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 9 सितंबर को कहा कि युद्ध के दौरान जमीन पर कब्जा ही भारत में जीत की असली ‘करेंसी’ या पैमाना है। इस वजह से थल सेना की भूमिका हमेशा सबसे अहम रहेगी। जनरल द्विवेदी दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले महीने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। उन्होंने भी सिर्फ जमीन के आदान-प्रदान को लेकर चर्चा की।
आर्मी चीफ की यह टिप्पणी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान के दो हफ्ते बाद आई है, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए हवाई शक्ति की अहमियत बताई थी।