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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लंबे समय तक चली जातीय हिंसा से उबर रहे मणिपुर का शनिवार को दौरा करेंगे और राज्य को 8500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे। मणिपुर में मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद श्री मोदी का राज्य का यह पहला दौरा है। वहां वह 8500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे तथा दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। विपक्ष मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से ही शांति बहाली के लिए प्रधानमंत्री के वहां जाने की मांग करता रहा है। मणिपुर में इसी वर्ष फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि श्री मोदी शनिवार सुबह पहले मिजोरम जायेंगे जहां से वह साढे बारह बजे मणिपुर पहुंचेंगे और राज्य के समावेशी, सतत और समग्र विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता के अनुरूप चुड़ाचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की शहरी सड़कें, जल निकासी और संपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना, 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ , मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट परियोजना और नौ स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। वह इस अवसर पर वहां मौजूद जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री अपराह्न ढाई बजे राजधानी इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। इनमें मंत्रीपुखरी में नागरिक सचिवालय, मंत्रीपुखरी में आईटी एसईजेड भवन और नया पुलिस मुख्यालय, दिल्ली और कोलकाता में मणिपुर भवन, और चार जिलों में महिलाओं के लिए अद्वितीय बाजार, इमा मार्केट शामिल हैं। श्री मोदी इंफाल में भी एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
मणिपुर में मई 2023 में मैती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की घटनाएं शुरू हुई थी और लंबे समय तक चली हिंसक झड़पों में करीब 250 लोग मारे गये थे और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। हिंसा की घटनाओं में सरकारी और निजी संपत्ति का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। विपक्ष का कहना था कि प्रधानमंत्री को राज्य का दौरा करना चाहिए जिससे वहां हिंसा रोकने और स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलेगी। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह और कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने राज्य का दौरा कर अनेक उपायों की घोषणा भी की थी। हिंसा शुरू होने के करीब डेढ वर्ष बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा जिसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
पिछले कुछ समय से राज्य में स्थिति सामान्य हो रही है। पिछले सप्ताह ही केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर सरकार के साथ समझौते में कुकी समुदाय के संगठन कुकी नेशनल आर्गेनाइजेशन (केएनओ) तथा यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) ने अगले एक साल के लिए अपनी सभी गतिविधियां निलंबित करने पर सहमति व्यक्त की है।