Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस रेटिंग बढ़ी, निवेश में चीन से आगे निकले
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को बताया कि भारत अब एशिया पावर इंडेक्स-2025 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन गया है। रैंकिंग में अमेरिका पहले और चीन दूसरे नंबर पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक ये दर्जा तेज आर्थिक वृद्धि और बढ़ती सैन्य क्षमता के आधार पर मिला है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के प्रदर्शन ने भी डिफेंस रेटिंग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। 2024 में भारत 39.1 स्कोर के साथ मध्यम ताकत की श्रेणी में था। 2025 में स्कोर 0.9 बढ़कर 40 पॉइंट हो गया, जिसके बाद भारत बड़ी ताकत की श्रेणी में शामिल हो गया। लिस्ट में भारत के बाद जापान चौथे नंबर पर है जबकि पाकिस्तान 14.5 पॉइंट के साथ 16वें नंबर पर है। अमेरिका का कुल स्कोर 1.2 पॉइंट घटा है।
एशिया पावर इंडेक्स 27 देशों का 131 पैरामीटर्स पर मूल्यांकन करता है। इसमें संसाधन, अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव शामिल हैं। अमेरिका एशिया में न होते हुए भी अपने बड़े प्रभाव के कारण इसमें शामिल है।

निवेश में चीन को पीछे छोड़ा
इंडेक्स के अनुसार भारत निवेश के लिए तेजी से आकर्षक बन रहा है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा विदेशी निवेश भारत में आता है और इस मामले में उसने चीन को पीछे छोड़ दिया है, क्योंकि कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को चीन से बाहर फैलाना चाहती हैं।

इन क्षेत्रों में भारत को बढ़त मिली
0 ऑपरेशन सिंदूर में मिले अनुभव ने रक्षा क्षमता की रेटिंग को और मजबूत किया है।
0 भारत आर्थिक क्षमता में जापान को पीछे छोड़कर तीसरे नंबर पर पहुंच गया है।
0 भारत में विदेशी निवेश बढ़ा है, जिससे इकोनॉमिक रिलेशन इंडेक्स में यह 9वें स्थान पर पहुंचा।
भारत की इकोनॉमी, कनेक्टिविटी, टेक्नोलॉजी और सैन्य क्षमता लगातार बेहतर हो रही है।

इन क्षेत्रों में भारत को सुधार की जरूरत
भारत की सबसे कमजोर कड़ी है उसका डिफेंस नेटवर्क, जहां वह 11वें स्थान पर है। इस मामले में फिलीपींस और थाईलैंड भारत से आगे निकल गए। भारत के संसाधनों के हिसाब से जितना प्रभाव होना चाहिए था, उतना नहीं बढ़ पाया। इसे ही पावर गैप कहा गया है।

जापान, सिंगापुर जैसे देशों से भी एशिया की ताकत बढ़ी
जापान की आर्थिक और तकनीकी क्षमता, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की क्षेत्रीय नीतियां और दक्षिण कोरिया की सैन्य क्षमताएं, इन सबने मिलकर एशिया की शक्ति संरचना को मल्टी-पोलर बना दिया है। रिपोर्ट को शेयर करते हुए भारत के पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि एशिया में शक्ति के मानक कैसे बदल रहे हैं और कौन-सा देश किस दिशा में आगे बढ़ रहा हैं उसके लिए ये रिपोर्ट देखना चाहिए।

एयरफोर्स रैंकिंग में चीन से आगे निकला भारत
बीते दिनों वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिटरी एयरक्राफ्ट ने दुनिया की एयरफोर्स पावर की एक नई रैंकिंग में भारत को तीसरा स्थान दिया था। भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और रूस हैं, जबकि चीन चौथे स्थान पर है। इसके बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट झांग जुन्शे के हवाले से लिखा था कि इस रैंकिंग को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल वास्तविक युद्ध क्षमता ही किसी सेना की असली ताकत दिखाती है, कागज पर दिखाया गया आंकड़ा नहीं।