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0 देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाने हुए सम्मानित, गाजीपुर थाना को मिला पहला स्थान
0 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 3 थानों को किया सम्मानित
0 आईआईएम रायपुर नवा रायपुर में तीन दिवसीय अखिल भारतीय डीजीपी-आईजी सम्मेलन शुरू

रायपुर। नवा रायपुर के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में शुक्रवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस शुरू हुई। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में तीन दिवसीय 60वीं डीजीपी-आईजी सम्मेलन का उद्घाटन किया।पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाने को सम्मानित किया। इसमें गाजीपुर थाना को पहला पुरस्कार मिला। अंडमान और निकोबार के पहरगांव पुलिस स्टेशन को दूसरा और कर्नाटक के रायचूर जिले के कवितला पुलिस स्टेशन को तीसरा स्थान मिला। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों पुरस्कृत पुलिस स्टेशनों को सम्मानित किया। थानों का चयन कुल 70 से ज्यादा कैटेगरी आधारित पैरामीटर्स पर किया गया। इस दौरान मंच पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ चीफ पराग जैन और आईबी चीफ तपन डेका भी मौजूद रहे।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डीजीपी-आईजी कॉफ्रेंस समस्याओं के समाधान, चुनौतियों और रणनीतियों से नीति निर्धारण तक, देश की आंतरिक सुरक्षा के समाधान का फोरम बन कर उभरी है।
गृह मंत्री ने नक्सलवाद के समूल नाश के खिलाफ उठाए गए मोदी सरकार के एक्शनेबल प्वाइंट का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने विगत 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन बनाकर सुरक्षा घेरे को मजबूत बनाया है और इसी का परिणाम है कि 2014 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी जो आज घटकर सिर्फ 11 रह गई है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अगली डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस से पहले देश नक्सलवाद की समस्या से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा।
 अमित शाह ने कहा कि पिछले 40 साल से देश नक्सलवाद की समस्या का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के लिए नासूर बने 3 हॉटस्पॉट - नक्सलवाद, नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर - की समस्या के निराकरण के लिए मोदी सरकार ने स्थायी समाधान दिया है और जल्द ही ये देश के बाकी हिस्सों जैसे बन जाएंगे। गृह मंत्री ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) कानूनों को सुदृढ़ बनाया गया, तीन नए आपराधिक कानूनों के साथ ही नारकोटिक्स और भगोड़ों के लिए मजबूत कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीनों नए आपराधिक कानूनों के पूरी तरह लागू होने के बाद भारत की पुलिसिंग विश्व में सबसे आधुनिक बन जाएगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने आतंकवाद और उग्रवाद पर मोदी सरकार की कार्रवाई का जिक्र कहते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इंडिया (पीएफआई)  पर बैन लगाने के बाद देशभर में उसके ठिकानों पर छापे मार कर गिरफ्तारियां की गईं, जो केंद्र - राज्य के समन्वय का उत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों और पुलिस द्वारा इंटेलीजेंस की एक्युरेसी, आब्जेक्टिव  और एक्शन की सिनर्जी के तीन बिंदुओं पर काम कर कट्टरता, उग्रवाद और नारकोटिक्स पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है।
गृह मंत्री ने दोहराया कि हमें नारकोटिक्स और आर्गनाइज्ड क्राइम पर 360 डिग्री प्रहार कर ऐसा तंत्र बनाना है जिससे इस देश में नार्को व्यापारियों और अपराधियों को एक इंच जमीन भी न मिल पाए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्यों की पुलिस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर नारकोटिक्स के राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गिरोहों पर कड़ा प्रहार कर उनके आकाओं को जेल में डाले।

थानों में साफ-सफाई व व्यवहार समेत कई पैमाने पर मिला पुरस्कार
गाजीपुर थानेदार यू. बाला शंकरन ने बताया कि यह पुरस्कार 70 अलग-अलग कैटेगरी शामिल थे, जिसके आधार पर यह पुरस्कार मिला है। इन कैटेगरी में थाने के अंदर और बाहर लोगों से कैसे बातचीत करना है, थानों में साफ सफ़ाई, लोगों से व्यावहार, मामलों का निपटारा और अपराधों की लंबित स्थिति (पेंडेंसी) जैसे पैमाने शामिल थे।

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