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टोक्यो ओलंपिक में भारत: सिंधु और हॉकी टीमों का करिश्मा
टोक्यो ओलंपिक में स्टार शटलर पीवी सिंधू के कांस्य पदक जीतने और पुरुष और महिला हॉकी टीमों के सेमी फाइनल में स्थान बना लेने से देश में खुशी का माहौल है।
महामारी के बाद देश में मौसम के तेवरों का खौफ
आज दुनिया जब कोरोना महामारी से मुक्ति पाने में अपनी पूरी ताकत लगाए हुए है,
छत्तीसगढ़ : संस्कृति से लोग जुड़े, लोगों से जुड़ी संस्कृति
संस्कृति से लोग जुड़ते हैं और लोगों से संस्कृतियां जुड़ती है। संास्कृतिक आदान-प्रदान से समुदायों में भाई-चारा, परस्पर प्रेम और सद्भावना का विकास होता है।
संसदीय अवरोध: विपक्ष का अतिवादी रवैया
कोरोना की संकटकालीन स्थितियों के बीच संसद का यह वर्षाकालीन सत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होना था लेकिन वह प्रतिदिन अवरोध के कारण निरर्थकता की ओर बढ़ता चला जा रहा है।
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना दिल जीत रही गरीबों की
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों को त्वरित इलाज मुहैया कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में उठाए गए कदम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना ने महज 9 माह में ही गरीब परिवारों का दिल जीत लिया है।
पहाड़ों से छेड़छाड़ के घातक नतीजे, नष्ट किए गए पहाड़ों से पूरा पर्यावरणीय तंत्र ध्वस्त
बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन जनित घटनाएं बहुत आम होती जा रही हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के कई गांवों में बरसात तबाही लेकर आई।
संरचनात्मक सुधारों की प्रतीक्षा में शिक्षा
नई शिक्षा नीति को लागू हुए एक वर्ष पूरा हो गया। यह संतोष का विषय है कि लगभग तीन दशकों के बाद भारत ने अपने लिए शिक्षा व्यवस्था की पड़ताल की और नई शिक्षा नीति के रूप में उसका एक महत्वाकांक्षी मसौदा तैयार किया।
भिक्षा मांगने की त्रासदी को जीना राष्ट्रीय शर्म है
एक आदर्श शासन व्यवस्था की बुनियाद होती है समानता, स्वतंत्रता, भूख एवं गरीबी मुक्त शांतिपूर्ण जीवनयापन। राष्ट्र एवं समाज में भूख एवं गरीबी की स्थितियां एक त्रासदी है, विडम्बना है एवं दोषपूर्ण शासन व्यवस्था की द्योतक है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव पूर्व होते 'अवसरवाद की पराकाष्ठाÓ के परीक्षण
उत्तर प्रदेश विधानसभा में फऱवरी -मार्च के दौरान विधानसभा के आम चुनाव होने प्रस्तावित हैं।
ममता के विपक्षी एकता के प्रयासों की जमीन कहां ?
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रिमो ममता बनर्जी इनदिनों दिल्ली में हैं और वे अभी से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के सन्दर्भ में विभिन्न राजनीतिक दलों को संगठित करने एवं महागठबंधन की संभावनाओं को तलाशने में जुटी हंै।