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0  पहली बार सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग हुई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक है। आज से लोग संविधान पीठ की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकेंगे। इसकी शुरुआत आज उद्धव वर्सेस शिंदे केस से हुई। उद्धव गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी। उन्होंने कहा, 'कोर्ट के 29 जुलाई के आदेश की वजह से यह सब हुआ। जब अयोग्यता का मामला पेंडिंग है, तो चुनाव आयोग सिंबल पर फैसला कैसे कर सकता है।' उधर, पीठ ने कहा कि हम इस मामले को जल्द सुलझाना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ के सामने लगे मामलों की सुनवाई के लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की है। इन मामलों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण, महाराष्ट्र शिवसेना विवाद, दिल्ली-केंद्र विवाद शामिल हैं। दरअसल, पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने का फैसला किया था।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच में सातवें दिन की सुनवाई हुई। सरकार ने कहा कि आरक्षण देने के लिए 50% का जो बैरियर है, उसका टूटना क्या चौंकाने वाला है? इस पर याचिकाकर्ता के वकील शंकरनारायण ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में ही यह स्ट्रक्चर तय किया गया है, इसे तोड़ा नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। जनवरी 2019 में केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े समान्य वर्ग के लोगों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

2018 को भारत के तत्कालीन सीजेआई ने दी थी लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति
हाल ही में सीजेआई की अध्यक्षता में कोर्ट मीटिंग हुई थी। इसमें 27 सितंबर से सभी संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने का निर्णय लिया गया था। बता दें कि 27 सितंबर 2018 को भारत के तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने संवैधानिक महत्व के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी। हालांकि यौन उत्पीड़न और वैवाहिक मामलों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए अनुमति नहीं थी।