नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ‘इंडिया टुडे’ समूह के तत्कालीन अध्यक्ष अरुण पुरी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानित करने वाली एक खबर प्रकाशित किए जाने के मामले में दर्ज आपराधिक मानहानि का मामला सोमवार को रद्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका के 30 अप्रैल 2007 के अंक में ‘मिशन मिसकंडक्ट’ शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार के सिलसिले में श्री पुरी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने का आदेश देते हुए उनकी अपील स्वीकार कर ली।
पीठ ने हालांकि, स्पष्ट किया कि इस मामले में एडिटर इन चीफ पुरी की अपील स्वीकार कर ली गई है, जबकि इस खबर को लिखने वाले पत्रकार की अपील खारिज कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश ललित ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा,“हम संपादक को राहत देंगे, लेकिन संवाददाता को नहीं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्री पुरी एवं अन्य के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने इनकार करते हुए उनकी याचिका अप्रैल में खारिज कर दी थी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
याचिकाकर्ता पुरी का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील के. वी. विश्वनाथन ने ‘के.एम. मैथ्यू बनाम केरल सरकार’ के मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते दलील दी कि संबंधित खबर के प्रकाशन के समय के ‘एडिटर इन चीफ’ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।