नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोयला खदान घोटाले में दोषसिद्धि को निलंबित करने की झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। श्री कोड़ा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर की याचिका में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शीर्ष अदालत से राहत देने की गुहार लगाई थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दोषसिद्धि पर रोक को साधारण परिस्थितियों में अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसके लिए कई कारकों पर विचार किया जाना है।
पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें श्री कोड़ा की याचिका खारिज कर दी गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री को वर्ष 2017 में झारखंड स्थित कोयला खदान के आवंटन में भ्रष्टाचार और साजिश का दोषी ठहराया गया था और तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 18 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि श्री कोड़ा निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं थे, जिन्हें सार्वजनिक पद पर रहने के दौरान अयोग्य ठहराया गया था। श्री कोड़ा ने पहले भी दोषसिद्धि के निलंबन के लिए एक आवेदन दायर किया था, जिसे वर्ष 2020 में खारिज कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने नवजोत सिंह सिद्धू मामले पर भी भरोसा किया था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2007 में कहा था कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने की शक्ति का प्रयोग असाधारण परिस्थितियों में किया जा सकता है।