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जीवन में जितनी चीजें ज्यादा रखोगे उतनी ही उलझनें बढ़ेगी, शरीर को उतनी तकलीफ होगी
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र की वैराग्यमय धारा प्रवाहित हो रही है। कितने जिज्ञासु सवाल पूछते हैं तो महापुरूषों उन सवालों का जवाब भगवान महावीर से मिलाते हंै। कहते हैं समस्या वैश्यिक है जबकि समाधान वीतरागिक है। महापुरूषों के वचनों पर जब विश्वास आता है तब जाक
उल्लू पक्षी के माता लक्ष्मी की सवारी बनने की पौराणिक कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के सभी देवी- देवताओं ने, पशु – पक्षियों को अपने वाहन या सवारी के रूप में चुना हैं, जिनमें से कई देवताओं के वाहनों की स्वयं स्वतंत्र देवता के रूप में भी पूजा होती है।
मानव के मन के पास अनंत शक्तियां हैं, वह पहले श्रवण करता है फिर चिंतन करके मनन करता है
अहमदाबाद। मानव के मन के पास अनंत शक्तियां हैं। वह पहले श्रवण की क्रिया करता है फिर चिंतन करके मनन करता है। श्रवण याने सुनना
निर्जला एकदशी: जानें तिथि पूजा मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व
निर्जला एकादशी, जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, इसका व्रत रखने वाले पूरे व्रत के दौरान एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं करते हैं। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी के व्रत का सभी एकादशी में विशेष महत्व है।
कब है रंभा तीज का व्रत? जानें क्यों रखा जाता है यह उपवास
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रंभा तीज व्रत रखा जाता है। इस वर्ष 13 जून 2021 दिन रविवार को रंभा तीज मनाई जाएगी। रंभा तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। फिर व्रत करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करती
आत्मा में परिणति आने के साथ ही परंपरा से हमें मोक्ष की प्राप्ति होती है
अहमदाबाद। परम मंगलमय शास्त्रकारों के शब्दों जब हमारे श्रवण पथ में आते है तब उन शब्दों से हमारी आत्मा में परिणति आती है। आत्मा में परिणति आने के साथ ही परंपरा से हमें मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमारी आत्मा मोक्ष में है ऐसा अनुभव हमें तभी होगा जब हमारे में
कोरोना का पर्यावरण से क्या संबंध है? समझिये सब कुछ
पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति अधिक से अधिक लोग जागरुक हों, इस उद्देश्य को लेकर ही सन् 1974 से प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार भी अनाथ बच्चों की सुध लें
आशंका है कि कुछ बुजुर्ग ऐसे हों जिनके बेटे या बहू अथवा दोनों ही कोरोना के शिकार हो गए हों। स्पष्ट है कि ऐसे बुजुर्गों को भी सहारा देने की जरूरत है।
चिकित्सा शिक्षा में असंतुलन की खाई
कोरोना संकट ने हमारे स्वास्थ्य ढांचे की खामियों और विसंगतियों को उजागर कर दिया है। ऐसी ही एक विसंगति है देश की चिकित्सा शिक्षा में व्याप्त असमानता।