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उत्तराध्ययन सूत्र में बताया है, जीव को अनासक्त जीवन जीना है
अहमदाबाद। चार मक्खी थी। एक मक्खी उड़कर शक्कर के टुकडे पर जाकर बैठ गई। दूसरी मक्खी उड़कर गुड़ के टुकडे उपर जा बैठी। तीसरी मक्खी उड़ी और किसी के थूंक पर बैठ गई तो चौथी मक्खी उडकर सेढ़ा पर बैठ गई।
मासिक शिवरात्रि पर पूर्ण होंगी इच्छाएं, बस करें ये काम
देवों के देव महादेव सभी समस्या का समाधान करते हैं। मासिक शिवरात्रि की पूजा बहुत ही फलदायी होती है।
जहां प्रश्न उठता है, वहां सुयोग्य आस्था को पूछकर उसका जवाब मिला लेना चाहिए
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र प्रश्नोत्तरी की हारमाला है। जहां प्रश्न उठता है, वहां सुयोग्य आस्था को पूछकर उसका जवाब मिला लेना चाहिए। जहां शंका है, वहां समाधान अवश्य मिलाना है।
कब है ज्येष्ठ अमावस्या? जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व
यह हिन्दी कैलेंडर का ज्येष्ठ महीना चल रहा है। इस महीने में पडऩे वाले अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं। शास्त्रों में ज्येष्ठ अमावस्या का बड़ा महत्व है।
संयम के लिए मनुष्य को त्यागना पड़ता है घर-परिवार, धन-संपत्ति
अहमदाबाद। जिन शासन के महान इतिहास की ओर एक नजर करेंगे तो हमें ये जानने को मिलेगा कि प्रत्येक तीर्थंकर की आत्मा कोई राजा थे, तो कोई राजकुमार थे, सुख-समृद्धि होते हुए
अपरा एकादशी को ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा
शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रत्येक ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे श्रद्धाभाव से की जाती है। एकादशी भगवान विष्णु को बेहद पंसद है।
महापुरुष हमें अपनी आराधना एवं साधना से पवित्रता का झरना बहाते हैं
अहमदाबाद। महापुरुष हमें अपनी आराधना एवं साधना से एक पवित्रता का झरना बहाते हैं। जिस तरह हिमालय से पवित्र गंगा का सरणा बहता है। काल कुछ ऐसा आ गया कि जो आगम महापुरूषों ने बनाये हथे। वे आगम हमें संपूण4 नहीं मिल रहे है
आचार्य ऋषभचंद्र का मौन हो जाना
प्रख्यात जैन आचार्य, मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक व ज्योतिषाचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का 2 जून, 2021 की मध्यरात्रि में इंदौर के मोहक अस्पताल में देवलोकगमन हो गया।
परमात्मा की वाणी स्वरूप उत्तराध्ययन सूत्र हमारी आत्मा में एक महान शांति को प्रदान करती है
अहमदाबाद। परमात्मा की वाणी स्वरूप उत्तराध्ययन सूत्र हमारी आत्मा में एक महान शांति को प्रदान करती है। पांच प्रकार के स्वाध्याय में धर्मकथा भी एक महत्वपूर्ण अंग है।
अपरा एकादशी के दिन सुनें यह व्रत कथा, होगा आपको यह लाभ
हिंदी पंचाग के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रत्येक ग्यारहवीं तिथि को एकाशी कहते हैं। एक वर्ष में कुल 24 एकादशी पड़ते हैं। वहीं, मलमास होने पर इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।