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किसी भी चीज पर ममत्व नहीं रखना, ममत्व नहीं रहने पर कोई भी चीज आसानी से छूट जाती है
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र के सम्भक्त पराक्रम अध्ययन में आज का स्वाल है मुक्ति से जीव को क्या प्राप्त होता है?
जीवन में सफलता पाने के लिए अपनाएं गीता के ये 5 उपदेश
श्रीमदभगवत् गीता का हर एक श्लोक जीवन के अलग-अलग पक्षों में आपका मार्गदर्शन करता है। हम आपको गीता के पांच ऐसे उपदेश बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।
पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, आप पर होगी माता लक्ष्मी की कृपा
हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कार्यों से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
व्यक्ति व पदार्थ के ऊपर मोह ही सभी दु:खों का कारण है, पदार्थ नश्वर है
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र के एक एक शब्द आत्मा में शुद्ध परिणति का अभियान चलाती है।
ढाई साल बाद शनि का होगा राशि परिवर्तन
ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। कहते हैं कि जिस जातक की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में विराजमान होते हैं
उत्तराध्ययन सूत्र के एक-एक शब्द के चिंतन एवं मनन से परिणत आत्मा मजबूत एवं वैरागी बनती है
अहमदाबाद। कोई व्यक्ति गन्ने का रस पीता है तो वह रस उसे मधुर एवं कुछ अलग ही आनंद की अनुभूति कराता है। ठीक इसी तरह उत्तराध्ययन सूत्र के एक-एक शब्द के चिंतन एवं मनन से परिणत आत्मा मजबूत एवं वैरागी बनती है। आज के इस अध्ययन में सवाल उठा है सर्व गुण संपन्नता से
जिस तरह अलंकारों से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी तरह सद्गुणों से आत्मा की शोभा बढ़ती है
अहमदाबाद। आभूषणों से शरीर के सौंदर्य में निखार आता है, इसीलिए शरीर सुंदर दिखाई देता है। कहते हैं जिस तरह अलंकारों से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी तरह सद्गुणों से आत्मा की शोभा बढ़ती है। श्रावक भी यदि अपने जीवन में विवेक रूप अलंकार को धारण करें तो उसका जीव स
निर्जला एकदाशी, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय
निर्जला एकादशी, जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, इसका व्रत रखने वाले पूरे व्रत के दौरान एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं करते हैं।
आत्मा में जब आनंद आता है तब शब्दों को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती
अहमदाबाद। अध में सफलं जन्म, अध में सफला क्रिया अध में सफलं गात्रं, जिनेन्द्र तव दर्शनात् -महामूल्यवान् मनुष्य का जन्म हमें मिला। जैन कुल में हमारा जन्म हुआ। हम पुण्यशाली हंै।