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आषाढ़ मास की अमावस्या पर करें ये उपाय  आप पर मेहरबान होंगी मां लक्ष्मी

हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत करने और पितरों को तर्पण अर्पित करने का विधान है।

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उत्तराध्ययन सूत्र के एक-एक शब्द हमारी आत्मा को परम विशुद्ध बनाता है

अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र के एक एक शब्द हमारी आत्मा को परम विशुद्ध बनाता है, इसीलिए इस अध्ययन का नाम सम्यक्त्व पराक्रम अध्ययन पड़ा है।

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विषय एवं कषाय के खेल के कारण ही मानव संसार की ओर खींचा चला जाता है

अहमदाबाद। परम मंगलकारी महामूल्य मनुष्य भव को पाकर मानव मौज शोक विषयों में आसक्त बनकर अपनी जीवन पसार कर रहा है। कहते हैं कि विषयों से कषाय उग्र बनते हैं।

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तोता बने शुकदेव ने जब सुन ली अमर कथा तो शिवजी उसे मारने को दौड़े और फिर हुआ गजब

अमरनाथ गुफा में शुकदेव और पवित्र कबूतर की पौराणिक कथा शुकदेवजी महाभारत के रचयिता वेदव्यासजी के पुत्र थे। उनकी माता का नाम वटिका था।

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शास्त्रकार महर्षि पांच इंद्रियों को ज्ञान का महान साधन मानते हैं 

अहमदाबाद। परम मंगलकारी महापुण्य के उदय से हमें मनुष्य जन्म की प्राप्ति हुई है। हरेक मनुष्य को पांच इंद्रियां है।

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आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि जानें तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का त्योहार है।

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जैन इतिहास एवं गुरु भगवंतों की एक-एक बात जानकर ह्रदय आनंद से भर जाता है

अहमदाबाद। आज प्रात: शुभ घड़ी में गच्छाधिपति महाग्रंथ विमोचन प्रसंगे शोभायात्रा महेन्द्रभाई पोपटलाल महेता के गृहांगण से प्रारंभ होते हुए ओपेरा हाउस मणिभुवन आई।

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राजा दशरथ ने कैसे प्राप्त किया शनि की महादशा से बचने का सर्वोत्म उपाय

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने शनि देव को दण्डाधिकारी का पद प्रदान किया है।

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साध्य को परम ऊंचाई तक पहुंचाती है साधना क्योंकि भीतर से जुड़ी है साधना की जड़ें

अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र का एक महान सूत्र है। आज के अध्ययन का नाम सम्यक्त्व पराक्रम। साधक किस बिन्दु से साधना प्रारंभ करे? संवेग से? धर्म श्रद्धा से? स्वाध्याय से? त्याग से? विगेरे तब जवाब मिलता है, किसी भी सम्यक् बिन्दु से प्रारंभ की हुई साधना साध्य क

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योगिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें

योगिनी एकादशी सभी एकादशी व्रत में महत्वपूर्ण है, ये आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। इस वर्ष योगिनी एकादशी का व्रत 04 जुलाई, दिन रविवार को रखा जाएगा।