Head Office
SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH
आप अपने विकास के लिए 'परÓ की अपेक्षा नहीं रख सकते हो, आपको अपना पराक्रम करना होगा
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र का सम्यकत्व पराक्रम अध्ययन एक महान से महान सूत्र है। मानव को जब संवेग आता है तब ऑटोमेटिकली निर्वेद आ ही जाता है। एक बात का ख्याल रखना है कि एक ओर स्व है तो दूसरी ओर पर है।
हमें जो धर्म महल बनाना है उस धर्म महल की नींव सम्यक्त्व है
अहमदाबाद। उत्तराध्ययन सूत्र एक महान सूत्र है। आज के अध्ययन का नाम सम्यक्त्व-पराक्रम। साधक किस बिन्दु से साधना प्रारंभ करें। संवेग से? धर्म श्रद्धा से? स्वाध्याय से? त्याग से? वगैरह तब जवाब मिलता है, किसी भी सम्यक बिन्दु से प्रारंभ की हुई साधना साध्य को पर
24 मई सोम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त पूजन सामग्री और इस दिन का महत्व
वैशाख मास का प्रदोष व्रत 24 मई को है. इस बार यह प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा है. सोमवार के दिन पडऩे वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है जगन्नाथ मंदिर
श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है।
विनायक चतुर्थी : जानें पूजा मुहूर्त, तिथि और महत्व
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्थी 15 मई दिन शनिवार को है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधिपूर्वक आराधना की जाती है।
अक्षय तृतीया के दिन से ही सतयुग की शुरुआत हुई थी
अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे देश में मनाया जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य वृद्धि के लिए अनेक प्रकार के कार्य किए जाते हैं। तो आइए अक्षय तृतीया की महत्ता के बारे में चर्चा करते हैं।
अक्षय है परशुराम की शस्त्रशक्ति
पपरशु प्रतीक है पराक्रम का। 'रामÓ पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक।
कब है परशुराम जयंती, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व
भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है।
दुनिया का हरेक जीव अपने-अपने कार्य के मुताबिक गति को प्राप्त करता है
अहमदाबाद। दुनिया का हरेक जीव अपने-अपने कार्य के मुताबिक गति को प्राप्त करता है। प्रमाद आलस करने वाला निर्यंच गति को पाता है
महापुरुषों की बात सिर्फ जीभ से नहीं, कंठ से नहीं, बल्कि हृदय से निकलती है
अहमदाबाद। यह उत्तराध्ययन सूत्र वैराग्य की महान सरिता रूप तथा त्याग की महान प्रतिष्ठा रूप है। महापुरुषों की बात सिर्फ जीभ से नहीं, कंठ से नहीं, नाभि से नहीं मगर ह्रदय से निकलती है।