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कौन थे महर्षि दयानंद सरस्वती? जानें समाज में उनका अमूल्य योगदान

आर्यसमाज के संस्थापक और वेदोद्धारक महर्षि दयानंद को वेदों के प्रति अटूट विश्र्वास तो था ही, वे इन्हें ईश्र्वरीयवाणी और अपौरुषेय भी मानते रहे।

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 कब लग रहा है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण? जानें इसका समय, सूतक काल और प्रभाव

इस साल के कार्तिक माह का शुक्ल पक्ष खगोलीय और ज्योतिष गतिविधियों की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

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सत्कर्म और परमात्मा को जानने का प्रयास ही है जीवन की सार्थकता

जीवन को लेकर हम बहुत चिंतन-मनन करते हैं। इसके बावजूद हम उसे स्पष्ट रूप से नहीं समझ पाते।

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पालनहार श्री हरी के जागने का दिन देवउठनी, जानिए शुभ मुहूर्त और मान्यताएं

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी मनाया जाता है. देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस, प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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संकल्प की दृढ़ता और स्थिरता बनाए रखने से अवश्य सिद्धि हासिल होती ही है

अहमदाबाद। कोई भी कार्य या क्रिया के पीछे कारण भाव अवश्य छुपा हुआ ही होता है। छोटे बच्चे को विद्यालय में प्राथमिक शाला में डाला जाता है। वहां से प्रारंभ करते समय ही विद्यार्थी को समझाया जाता है, उसे बताया जाता है कि यह ज्ञान तुम्हें किन ऊंचाइयों तक ले जाने

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संतान की मंगलकामना का पर्व है अहोई अष्टमी व्रत

अहोई अष्टमी व्रत प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्ण अष्टमी को किया जाता है। स्त्रियां दिनभर व्रत रखती हैं।

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देवोत्थान एकादशी व्रत की तिथि, मुहूर्त और महात्म

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउत्थान एकादशी कहा जाता है। इसे देव प्रबोधिनी या देव उठावनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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आज नहाया-खाया से शुरू होगा छठ का पर्व

छठी मैय्या और सूर्य देव की उपासना का महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ 08 नवंबर, दिन रविवार से हो रहा है।

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ऐसे हुई थी गोवर्धन पूजा की शुरुआत देवराज इंद्र का घमंड हुआ चकनाचूर

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को होने वाली गोर्वधन पूजा का बड़ा महत्व है, जिसे द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों के द्वारा की जाने वाली देवराज इंद्र की पूजा के स्थान पर प्रारंभ की थी।

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इतने मूल्यवान भव का एक समय भी व्यर्थ जाने देने जैसा नहीं है

अहमदाबाद। प्रभु महावीर ने अपनी अंतिम देशना में फरमाया कि दुर्लभ ऐसा मनुष्य भव एवं जैन धर्म मिला है। इतने  मूल्यवान भव का एक समय भी व्यर्थ जाने देने जैसा नहीं है। बार-बार यदि इस भव को प्राप्त करना हो तो बराबर तैयारियां कर लो। जब तक कषायों का अंधकार छाया रह