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समय-संयोग, पुण्य और पुरुषार्थ सब सदैव हमारा साथ दें तो ही इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं 

अहमदाबाद। मानव मात्र की यह अपेक्षा होती है कि उनकी प्रत्येक इच्छा, आशा अवश्य पूर्ण हो। किंतु संयोज हमेशा सबको सानुकूल नहीं होते। समय-संयोग पुण्य और पुरूषार्थ सब सदैव हमारा साथ दें तो ही इच्छायें पूर्ण हो सकती है।

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कब है रमा एकादशी? जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है।

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माथे पर क्यों लगाया जाता है तिलक, जानें वैज्ञानिक कारण

तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाता है. तिलक को मस्तिक के केंद्र पर लगाने पीछे कारण ये है कि हमारे शरीर में 7 छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं।

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पति की दीर्घायु की कामना का पर्व है करवा चौथ

करवा चौथ व्रत लगातार 12 अथवा 16 वर्ष तक हर वर्ष किया जाता है।

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शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार को करें इस स्तुति का पाठ

शनिवार का दिन कर्मफल दाता भगवान शनि को समर्पित किया गया है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप ही फल प्रदान करते हैं।

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कोई भी मंजिल तक पहुंचना हो तो पुरुषार्थ तो करना ही पड़ता है

अहमदाबाद। कोई भी मंजिल में पहुंचना हो तो पुरुषार्थ तो करना ही पड़ता है। एक मकड़े को अपनी जाल बनाने में कितना पुरूषार्थ कहना पड़ता है। वैसे सिद्धि हासिल करने के लिए भी प्रबल पुरूषार्थ करना अनिवार्य है। 

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कामनापूर्ति के कार्तिक मास में करें ये कार्य, होगी सौभाग्य में वृद्धि

हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इस महीने में चतुर्मास की समाप्ति होती है, साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है।

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चारित्र धर्म की आराधना से मोक्ष मंजिल के दरवाजे खुलते हैं

चारित्र धर्म की आराधना से मोक्ष मंजिल के दरवाजे खुलते हैं

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ज्ञान के बिना हर चीज, हर क्रिया अधूरी है 

अहमदाबाद। हर चीज, हर क्रिया अधूरी है ज्ञान के बिना। जैसे पानी को शीतलता से अलग नहीं किया जा सकता, पुष्य को सुवास से भिन्न नहीं किया जा सकता, अग्नि को उसकी उष्णता से अलग नहीं किया जा सकता वैसे आत्मा को ज्ञान से अलग नहीं किया जा सकता। पानी की शीतला, पुष्पों

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श्रीकृष्ण ने की थी दिव्य महारासलीला

शरद पूर्णिमा शरद ऋतु का विशिष्ट पर्व है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे अधिक निकट होता है और उसकी उज्वल चंद्रिका माधुर्य व आनंद की अनुभूति कराती है।