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यदि व्यक्ति जागृत हो तो वह समस्त विश्व को जागृत कर सकता है
अहमदाबाद। शाश्वती नवपदजी ओली का द्वितीय दिन यानी सिद्ध पद की आराधना। प्रत्येक पद को सर्वप्रथम नमन, वंदन, करना है। विनयपूर्वक योग्य स्थान पर नमस्कार करने से अवश्य कल्याण होगा। नम्रता से झुकना होता है। जहां अहंकार नहीं वहीं नमस्कार संभव है। कहते अनकंडीशनल

आज है महानवमीं व्रत, जानें मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त, भोग एवं महत्व
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि कल 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की महानवमी 14 अक्टूबर को है।

केवल सोच लेने से अरिहंत नहीं बन जाते उसके लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है
अहमदाबाद। जैन धर्म में अनेक प्रकार के पर्व बताये गए हैं। उनमें से शाश्वत पर्व है नवपदजी की ओली। यह पर्व अपने आप में ही एक अनूठा पर्व है। यह पर्व केवल मनुष्य लोक में ही नहीं बल्कि देवलोक के देव भी मनाते हंै। देवता गण भी इन नौ दिनों के दौरान नंदीश्वर द्वीप

प्रत्येक क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधना अनिवार्य होती है
अहमदाबाद। प्रत्येक क्षेत्र में मनुष्य को सफल होने की, सिद्धि प्राप्त करने की एक महत्त्वाकांक्षा होती है।

दुर्गा पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त, अष्टमी, नवमीं की पूजा कब करें, क्या है शुभ तिथि
नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपासना का अत्यंत महत्व है.।नवरात्रि के अंतिम दो दिन यानी अष्टमी और नवमी व्रत के साथ ही नौकन्या पूजन का भी इन दिनों में सर्वाधिक महत्व है।

महाअष्टमी तिथि पर अपनाएं ये विशेष उपाय, घर में आएगी सुख और समृद्धि
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है।

जीवन ऐसा होना चाहिए, जिसमें शांति, संतोष और प्रगति का सामंजस्यपूर्ण संतुलन हो
अहमदाबाद। वर्तमान में मनुष्य जीवन जीना ही जैसे भूल गए हो ऐसा प्रतीत होता है।

मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की पौराणिक कथा
विजयदशमी के दिन जहां एक ओर भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था, तो वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी इसी दिन किया था। देवी भागवत की कथा के अनुसार नौ दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर का युद्ध होता रहा।

मां बम्लेश्वरी देवी शक्तिपीठ, मां बगुला मुखी अपने जागृत रुप में पहाड़ी पर विराजमान
डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित शक्तिरुपा मां बम्लेश्वरी देवी का विश्व विख्यात मंदिर आस्था का केंद्र है।

मैत्री भावना सर्वजीवों, प्रमोद भावना गुणीजनों, करुणा रखें क्लेशी आत्माओं पर
अहमदाबाद। चौदह राजलोक में सर्वोत्कृष्ट-सर्वोच्च-सर्वोत्तम लोकोत्तर धर्म यानि जैन धर्म में चार प्रकार की भावनायें बताई गई है मैत्री, प्रमोद, करुणा और माध्यस्थ।