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'क्रिया की प्रतिक्रिया' कहकर हिंसा को उचित बताने का चलन?
किसी भी सभ्य व संवेदनशील समाज में हिंसा की कोई गुंजाईश नहीं है। भारतीय संस्कृति तो वैसे भी आदिकाल से ही 'अहिंसा परमो धर्म: ' का सन्देश देती रही है।
पर्यावरण संबंधी समस्या को भयावह रूप प्रदान कर रहा है प्लास्टिक कचरा
बीस से भी अधिक राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में प्रतिबंधित प्लास्टिक को लेकर इसी तरह के नियम लागू हैं लेकिन विड़म्बना ही है कि सख्ती के अभाव में इतना समय बीत जाने के बाद भी दिल्ली तथा देश के अन्य तमाम राज्यों में पॉलीथीन का उपयोग बदस्तूर जारी है।
'पढ़ेगाÓ तभी तो आगे बढ़ेगा देश
किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर करता है। ऐसे में अगर आज की पीढ़ी शिक्षा से वंचित रहती है
मनुष्य खुद से भी अधिक यंत्रों पर विश्वास करने लगा है
अहमदाबाद। सृष्टि पर अनेक चीजों का निर्माण हुआ है। प्रत्येक चीज का अपना ही एक महत्व है। मानव मशीनों पर विश्वास करने लगा है और वह विश्वास धीरे-धीरे श्रद्धा में परिवर्तित हो रही है। मनुष्य खुद से भी अधिक यंत्रों पर विश्वास करने लगा है, उसे यह श्रद्धा हो चुकी
शरद पूर्णिमा पर कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा का विशेष स्थान है।
शरद पूर्णिमा पर करें ये उपाय, मिलेगा निरोगी काया और धन-संपदा का आशीर्वाद
शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा को जागृत पूर्णिमा भी कहा जाता है।
परमात्मा के शासन में प्रभु के प्रवचनों को सुन पाना सौभाग्य की बात
अहमदाबाद। इस विश्व में अनेक प्रकार के संबंध है। प्रत्येक संबंध की मिठास कुछ अलग ही होती है, लेकिन कुछ संबंधों में कोई-कोई व्यक्तियों को रिप्लेस करने के लिए किसी न किसी को बनाया गया है। जैसे बड़े भाई को पिताजी का दर्जा दिया गया है तो बहन को मां का, मासी को
दशहरा म काबर दिखय नहीं नीलकंठ
नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध भात का भोजन करियों, हमरी बात राम से कहियों।
नई शक्ति एवं नई दिशाएं पाने का पर्व है दशहरा
दशहरा का पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है।
यदि व्यक्ति जागृत हो तो वह समस्त विश्व को जागृत कर सकता है
अहमदाबाद। शाश्वती नवपदजी ओली का द्वितीय दिन यानी सिद्ध पद की आराधना। प्रत्येक पद को सर्वप्रथम नमन, वंदन, करना है। विनयपूर्वक योग्य स्थान पर नमस्कार करने से अवश्य कल्याण होगा। नम्रता से झुकना होता है। जहां अहंकार नहीं वहीं नमस्कार संभव है। कहते अनकंडीशनल