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घर, गांव, बस्ती व मोहल्लों में मस्त बच्चे

आजकल बच्चे मजे में हैं। बड़े बहुत परेशान हैं। महामारी से नहीं, माथापच्ची और बेबात की मारामारी से। बड़ों को इस समय बच्चों के भविष्य की भी बड़ी चिंता है। होना भी चाहिए बच्चे देश का भविष्य जो हैं। पर बच्चों को न तो वर्तमान की चिंता है, न भविष्य की। चिंता बच्

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कोरोनाः बढ़ती महामारी देश के लिए चिंता की बात

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 12 लाख तक पहुंच जाना हमारे लिए चिंता की बात तो है ही, वैश्विक स्तर पर भी शोचनीय है, क्योंकि यह संकेत है कि अब दक्षिण एशिया विश्व में नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है। शुरुआत में कुछ उम्मीदें बंधी हुई थीं, क्योंकि यहां संक्

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नई मंजिलों की ओर छत्तीसगढ़ के नये कदम

लोकतंत्र में लोक -कल्याण किसी भी लोकतांत्रिक सरकार की पहली प्राथमिकता होती है। छत्तीसगढ़ विधान सभा के आम चुनाव में प्रचंड बहुमत से बनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने सिर्फ डेढ़ साल के अपने अब तक के कार्यकाल में लोक कल्याण के अनेक ऐसे निर्णय लिए हैं

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कैसी पहचान चाहता है पाकिस्तान, कभी न खत्म होने वाली तलाश

पाकिस्तान की अपनी पहचान की तलाश उतनी ही पुरानी है जितना कि वह मुल्क। वहां का शासक वर्ग भारत से दूर जाना चाहता है, जहां से उसका जन्म हुआ। भारतीय संविधान सभा के सदस्य मिर्जा अब्दुल कयूम इस्पानी ने ब्रिटेन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त (1950-52) के तौर पर अपने

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कोरोना काल में मजबूरी और पलायन का दंश, अब फिर शहर की ओर जाने लगे कामगार

सपनों को पूरा करने की तुलना में पेट की आग बुझाने के लिए होने वाला पलायन एक तरह से विभीषिका ही होती है। कोरोना के चलते जब इस साल मार्च के आखिरी हफ्ते से महानगरों या नगरों से गांवों की ओर पलायन बढ़ा, तो इसे ग्राम केंद्रित सामाजिक व्यवस्था के लिए बेहतर माना

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भारत से बाहर सूरीनाम में भारतवंशी राष्ट्रपति

कोरोना काल में एक अच्छी खबर भारत से बाहर बसे लघु भारत सूरीनाम से आई है, जहां भारतवंशी चंद्रिका प्रसाद संतोखी को राष्ट्रपति चुन लिया गया है। संतोखी ने पूर्व सैन्य तानाशाह देसी बॉउटर्स की जगह ली है, जिनकी नेशनल पार्टी ऑफ सूरीनाम संसदीय चुनावों में हार गयी थ

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महामारी ने हमें जो सीख दी है, उससे सबक लें

कोविड-19 महामारी ने भारत को कई पीड़ादायक सबक दिए हैं। पहला सबक तो यही है कि हम अब प्रकृति का निर्मम शोषण जारी नहीं रख सकते। जलवायु संकट, अनियमित मौसमी परिघटनाएं और वायु, भूमि व महासागर के प्रदूषण ने देश और दुनिया को एक खतरनाक मुहाने पर ला खड़ा कर दिया है।