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टीकाकरण: बड़े लक्ष्य की प्राप्ति
टीकाकरण नीति में बदलाव करके पहले रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई फिर भी इसकी चिंता करनी होगी कि गरीब और ग्रामीण टीकाकरण से वंचित न रह जाएं।
बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश
कोरोना महामारी की वजह से बीता वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था के लिए बेहद निराशाजनक रहा, लेकिन संकुचन के बावजूद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) में उल्लेखनीय वृद्धि भविष्य के लिए उत्साहवर्द्धक है।
मेडिकल खर्च की दोहरी मार
मेडकल खर्च के कारण देश में पहले भी लोग गरीबी की भेंट चढ़ते रहे हैं, लेकिन कोरोना ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। 2012 के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे,
कोरोना: सतर्कता एवं तैयारी
महामारी से जूझते हमारे देश के लिए यह निश्चित ही बेहद सकूनदेह खबर है कि अब संक्रमण के रोजाना मामलों की तादाद करीब तीन माह में सबसे कम है।
तीसरी लहर से लडऩे की तैयारी
अगर कुछ मित्रों की मदद से प्रीता मुझे 24 अप्रैल को अस्पताल नहीं ले जातीं, तो आज मैं इन पंक्तियों को नहीं लिख रहा होता।
इस मानसून से लाभ का अवसर
कोरोना की दूसरी घातक लहर से उत्पन्न आर्थिक और औद्योगिक चुनौतियों के बीच कृषि क्षेत्र में सुकूनभरी उम्मीदें दिख रही हैं. मॉनसून के अच्छे रहने के संबंध में अनेक अध्ययन रिपोर्टें प्रस्तुत हुई हैं और जून की शुरुआत से ही मॉनसून ने दस्तक दे दी है।
अर्थव्यवस्था को कृषि का सहारा
आजादी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था में पांच बार गिरावट दर्ज की गयी है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है, जब गिरावट के बावजूद कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई। कृषि और सहयोगी क्षेत्र में 3.6 फीसदी की बढ़त हुई है।
साइबर अपराध
नि:संदेह भारत सूचना-तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है लेकिन विडंबना यह है कि साइबर अपराध के आगे यह ताकत प्रभावी नहीं दिखती। वास्तव में इसी कारण अपने देश में साइबर धोखाधड़ी एक धंधा सा बन गया है।
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी
पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जिस तरह लगातार बढ़ोतरी हुई है, वह हर बार प्रथम दृष्ट्या महज चंद पैसों का इजाफा लगता है, लेकिन करीब एक महीने के दौरान तेल के दाम तेईस बार बढ़ाए गए और अब यह वृद्धि जमा होकर पांच से छह रुपए तक की हो गई है। अं
सभी भाषाओं का आदर करना होगा
पिछले दिनों दिल्ली सरकार के गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में मलयालम को लेकर एक विवादास्पद आदेश जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि अस्पताल की नर्सें केवल हिंदी या अंग्रेजी में ही बात करें, किसी दूसरी भाषा में नहीं, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी