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ईश्वर सर्व व्याप्त है-संम्हलकर कर्म करो
ईश्वर सर्व व्याप्त है, कण- कण में है भगवान। जब तक हम ईश्वर से नहीं जुड़ते उनसे अपना नाता नहीं जोड़ते, उन पर अपना सबकुछ समर्पित नहीं करते, तब तक हमें यह ज्ञान नहीं प्राप्त होगा, कि ईश्वर सर्व व्याप्त है और हम अपनी मनमानी करते रहेंगे।
स्वामी दयानन्द सरस्वती: राष्ट्रक्रांति के उन्नायक
महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन त्रैकालिक, सार्वभैमिक एवं सार्वदेशिक होता है और युग-युगों तक समाज का पथदर्शन करता है। स्वामी दयानंद सरस्वती हमारे समाज एवं राष्ट्र के ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ हैं, जिन्होंने न केवल
सियासी पिच पर इमरान क्लीन बोल्ड
नए पाकिस्तान बनाने का ख़्वाब दिखाकर सत्ता में काबिज हुए दिग्गज क्रिकेटर इमरान खान नियाजी हर मोर्चे पर फ्लॉप साबित रहे हैं।
वी- आकार की रिकवरी के लिए बजट, प्रमाण देने वाला वी बजट
पिछले कुछ दिनों से, राजनीति के दोनों पक्ष के लोगों के बीच एक मुहावरा चर्चा का विषय है, वह है – 'वी-आकार की रिकवरीÓ। मेरी याद में पिछली बार 'वीÓ अक्षर लोगों के बीच चर्चा में तब आया था, जब कलात्मक ब्रिटिश फिल्म 'वी फॉर वेंडेटाÓ रिलीज़ हुई थी।
पशु पक्षियों पर बढ़ते अत्याचार, रोकथाम की जरूरत
पशु पक्षी और जानवर इस प्रकृति का एक हिस्सा है, वह भी ईश्वर का ही अंश है, पशु पक्षी और जानवर- ईश्वर ने हमें इस प्रकृति के उपहार, और प्रकृति के सौंदर्य, और प्रकृति के सामंजस्य के लिए इस प्रकृति में उनका जन्म दिया है।
योगी का युवाओं की ऊर्जा को खपाने का संकल्प
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के बिखर गये सपनों, टूट गयी आशाओं एवं निराशा की स्थितियों पर विराम लगाते हुए युवाओं की ऊर्जा को प्रदेश-निर्माण में खपाने का नया खाका खींचना शुरू कर दिया है।
सौंदर्य प्रकृति का उपहार है, दृष्टि नहीं दृष्टिकोण भी सुंदर हो
सौंदर्य प्रकृति का उपहार है, सौंदर्य के प्रति आपकी दृष्टि नहीं दृष्टिकोण भी सुंदर हो इसीलिए कहा गया है कि- सत्यम शिवम सुंदरम- ईश्वर सत्य है- सत्य ही शिव है- और शिव ही सुंदर है- उमा कहउ मैं अनुभव अपना सत्य हरि- भजन जगत सब सपना, परमपिता ईश्वर के इस जगत में
विसरकारी कार्यशैली लापरवाह, प्रशासन को आचार संहिता से बांधना होगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भले ही प्राथमिकता से सरकारी कामकाज की शैली में पारदर्शिता, तत्परता और ईमानदारी की वकालत की हो, लेकिन आज भी सरकारी कार्यशैली लापरवाह, अनुशासनहीन, भ्रष्ट एवं उदासीन बनी हुई है।
कोविड काल में बजट बेहतर भारत के निर्माण के लिए विजन दस्तावेज है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत नए दशक का पहला बजट राष्ट्र के लिए कोविड के बाद आगे बढऩे का विजन दस्तावेज है।
शुभ विचार और अच्छे कर्म ही हमारे चरित्र को महान बनाते हैं
शुभ विचार रखने के लिए हमें सबसे पहले जातिगत, धर्मगत पंथ-गत, ऊंच-नीच वा समस्त मानवों के साथ-साथ, समस्त प्राणियों के प्रति सद्भावना रखनी होगी। भेदभाव को खत्म करना होगा, तभी हमारे विचार शुभ विचार हो सकते हैं,