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नकारात्मकता को दूर करने, हताशा और निराश से बचने के लिए सकारात्मक विचार का सहारा अनिवार्य है
अहमदाबाद। वर्तमान विश्व नकारात्मक बातों से, विचारों से और व्यक्ति से पीडि़त है। नकारात्मकता को दूर करने, हताशा और निराश से बचने के लिए सकारात्मक विचार, व्यक्ति का सहारा अत्यंत अनिवार्य है।

इंदिरा एकादशी पर जरूर करें व्रत कथा का पाठ, मिलता है वाजपेय यज्ञ का फल
पितर पक्ष में पडऩे वाली एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है।

विचार जब दृढ़ बनकर आचार में परिणित होते हैं तो वह संस्कार होता है
अहमदाबाद। सबको अलग-अलग प्रकार के विचार आते हैं। विचार के दो प्रकार है शुभ -अशुभ! कहते हैं विचार जब दृढ़ बनकर आचार में परिणित होते हैं तो वह संस्कार होता है। विचार कभी भी आचार में ही परिणामन होते है। आत्मा में अनादि काल से अनेक प्रकार के संस्कार पड़े है। अ

कभी-कभी किसी के प्रथम दर्शन से ही मन शुभ भावों से भर जाता है
अहमदाबाद। कभी कभी किसी का नाम सुनते ही शुभ स्पंदन छूने लगते हैं। कभी-कभी किसी के प्रथम दर्शन से ही मन शुभ भावों से भर जाता है। वैसे ही शांत सुधारस ग्रंथ का नाम सुनते ही शुभ संवेदनाएं उत्पन्न होती है। इतनी सारी भावनाओं से युक्त यह ग्रंथ संवेदनशील तो होगा ह

महिलाओं को भी श्राद्ध करने का अधिकार जानिए पौराणिक विधान और नियम
पितरों की मुक्ति के लिए श्रद्धा पूर्वक किया गया कर्म ही श्राद्ध है। हिंदू धर्म में मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितर पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है।

जीवन में आधि-व्याधि-उपाधि तो आने ही वाले हैं पर उसमें दु:खी नहीं होना है
अहमदाबाद। जब पिताजी की रचना पूर्ण हुई और वे अपना ग्रंथ लेकर राजा भोज के दरबार में पहुंचे। राजा भी ग्रंथ पढ़कर खूब प्रसंन्न हुए उन्होंने धनपाल कवि को कहा कि है कविराज आपके संपूर्ण ग्रंथ का मैं ने अवलोकन किया, श्रवण किया।

आज है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, जानिए पूजन विधि और गणेश जी के विघ्नहर्ता मंत्र
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

सब में कुछ न कुछ खूबियां होती हैं तो खामियां भी होती ही है
अहमदाबाद। एक ही भाव जिसमें प्रत्येक व्यक्ति रहना चाहता है आनंद। आनंद में रहने के लिए उत्सव, महोत्सव, परिवार मिलन, आउटिंग आदि का आयोजन किया जाता है। नये कपड़े, नई जगह, नये लोगों को मिलने से मन में आनंद होता है। कुछ भी नया करने में उत्साह एवं आनंद होता है।

मोह से मुक्ति का मार्ग दिखलाता है विसर्जन
विसर्जित भाव ही हमारे मन की असल खुराक है। यह खुराक हमें आंतरिक रूप से परिपक्व बनाती है। स्वयं समाज एवं राष्ट्र का उन्नयन संचय भाव से कदापि नहीं हो सकता। इसके लिए हमें विसर्जन के मर्म को आत्मसात करना होगा।

किसी भी स्तर पर पहुंचने के लिए कुछ योग्यता व पात्रता होना आवश्यक है
अहमदाबाद। किसी भी स्तर पर पहुंचने के लिए कुछ योग्यता-पात्रता होनी आवश्यक होती है।