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किसी चीज की प्राप्ति करनी हो तो उसके लिए तीव्र इच्छा होती है
अहमदाबाद। आज फागुन सुद तेरस है। आज के दिन सैंकड़ों लोग पालीताणा जाते हैं तथा शत्रुंजय पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
आपकी प्रवृत्ति जिस प्रकार की हो उस प्रकार के रंग में वह मानव रंग जाता है
अहमदाबाद। हरेक व्यक्ति को विचार शक्ति मिली है।
इन्द्रियों के आकर्षण इतने बढ़ गए हैं कि लोग अपना संपूर्ण जीवन इन भोग सुख के पीछे पूरा कर देते हंै
अहमदाबाद। मानव भव हमें मिला है सिर्फ भोग एवं विषयों में रमणता करने के लिए नहीं, अपितु हमारा लक्ष्य जो मोक्ष है।
जो व्यक्ति दूसरे जीवों की पीड़ा समझ जाता है वह मानव से बन जाता है देव
अहमदाबाद। एक गांव में एक कसाई रहता था। उसे किसी प्रकार के संस्कार नहीं मिले इसलिए वह प्राणीओं की हिंसा करके आनंद लेता था।
तीर्थंकर परमात्मा इस जगत पर उपकार धर्मोपदेश के माध्यम से ही करते हंै
अहमदाबाद। परम मंगलकारी अरिहंतों में परार्थ की भावना रही हुई है।
तप करना आत्मा का गुण, इसलिए जैन धर्म में है तप की परंपरा: गुरुदेव राजयश
अहमदाबाद। दसलक्षणी पर्व के अनुसंधान में दसयति धर्म पर हमारा अनुंिचतन चल रहा है।
होलाष्टक की पौराणिक और प्रामाणिक कथा
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है। होलाष्टक होली दहन से पहले के 8 दिनों को कहा जाता है। इस बार 21-22 मार्च से 28 मार्च 2021 तक होलाष्टक रहेगा। आओ जानते हैं होलाष्टक की पौराणिक और प्रामाणिक कथा।
हमारा जीवन किसी की सहायता करने के लिए ही होना चाहिए
अहमदाबाद। परम मंगलकारी अरिहंतो ंका ध्यान करते हुए अरिहंत में रहे हुए अरिहंतो के गुणों को ग्रहण करना है
संसार में अज्ञान, अहंकार, अनाचार व आसक्ति ये चार भयंकर दोष हैं
अहमदाबाद। परम मंगलकारी इस असार संसार में आत्मा अनादि काल से परिभ्रमण कर रही है उसमें कारण भूत है। अनेक
छोटी उम्र में यदि कोई दीक्षित होता हो तो समझ लेना उसमें पूर्व के संस्कार है
अहमदाबाद। परम मंगलकारी परमात्मा के शासन को पाकर कितने संसारी वैराग्य को पाकर संयम के मार्ग पर अग्रेसर होते हैं।