Head Office
SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH
मंगल जीवन को और भी उत्कृष्ट एवं पूर्ण बनाना है
अहमदाबाद। परम मंगलमय परमात्मा का मंगलमय शासन हमें मिला है हमारा जीवन मंगल है। इस मंगल जीवन को और भी उत्कृष्ट एवं पूर्ण बनाना है। कहते है अरिहंत मंगल है सिद्ध मंगल है साधु मंगल है, केवली भगवंतों का बताया हुआ धर्म भी मंगल है। इसी के साथ मनुष्य का जीवन भी मं
ज्ञान के साथ क्रिया का होना जरूरी, तभी मोक्ष की प्राप्ति
ज्ञान के साथ क्रिया का होना जरूरी, तभी मोक्ष की प्राप्ति अहमदाबाद। पूज्यश्री फरमाते हंै बचपन में पढ़ी हुई एक कहानी याद आती है। नगर में भयंकर आग लगी है। इन आग की लपेटों से बचने के लिए लोग इधर से उधर भाग रहे हंै। एक आदमी लंगड़ा है बेचारा सोच रहा है इस आग की
नवरात्रि का महत्व, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण व होने वाले लाभ
नवरात्रि या नवरात्रों हिंदू धर्म का बड़ा पर्व माना जाता है। इसका महत्व उतना ही हे जितना की दिवाली और दशेहरा का है. इस साल 10 अक्टुम्बर से शारदीय नवरात्रि का आगाज होने वाले है। इसी पावन असवर पर इस लेख में नवरात्रि का महत्व समझाया गया है।
क्रोध प्रीति का नाश करता है, मान विनय का नाश करता है
अहमदाबाद। परमंगलकारी श्री दशवैकालिक सूत्र में श्री शय्यम्भवसूरि महाराजा फरमाते है,
शुभ भावनाओं के साथ आराधना करने वाला व्यक्ति अवश्य जीवन में आगे बढ़ेगा
अहमदाबाद। जीवन में कुछ ऐसे भी पल आते हैं जो मानवी की दशा एवं दिशा दोनों को बदल देते हैं।
भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताई थी पापमोचिनी एकादशी व्रत की कथा
पापमोचिनी एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
जिद में कभी जीत नहीं होती, किसी एक को झुकना ही पड़ता है
अहमदाबाद।दुनिया में कैसे कैसे लोग रहते हैं। पैसा-गाड़ी बंगला है परंतु उनमें सज्जनता नहीं है जिसके पास कुछ नहीं ऐसे लोग धनवान के आगे सज्जन बनकर रहते है एक सामान्य रिक्शा चालक था।
जो मार्ग परमात्मा ने बताए हैं वे मार्ग व्यक्तित्व का विकास करने के श्रेष्ठ मार्ग हंै
अहमदाबाद। हेमचन्द्राचार्यजी महाराजा वीतराग स्त्रोत के माध्यम से फरमाते हैं
मंगलमय प्रभात के सुंदर वातावरण में आत्मा को सुंदर विचारों से तरबतर करना है
अहमदाबाद। मंगलमय प्रभात के सुन्दर वातावरण में आत्मा को सुन्दर विचारों से तरबतर करना है। ध्यान को सहज तरीके से सिद्ध करना है।
जैसे वातावरण में रहते हैं वैसा संस्कार हमारी इंद्रियों में, मन में और आता है आत्मा में
जैसे वातावरण में रहते हैं वैसा संस्कार हमारी इंद्रियों में, मन में और आता है आत्मा में अहमदाबाद। जीवन के मंगलमय प्रवाहों में जिस प्रकार के वातावरण में हम रहते हैं उस प्रकार के संस्कार हमारी इंद्रियों में, हमारे मन में एवं हमारी आत्मा में आते हंै। अध्यात्म