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हरेक आदमी को गुरु तत्व की उपासना करनी चाहिए
मुंबई (ए)। गुरु तत्व कितना महान है। हरेक आदमी को गुरु तत्व की उपासना करनी चाहिए।

प्रार्थना में वो शक्ति है यदि मानव सामूहिक रूप से प्रार्थना करेंगे तो अवश्य सफल होंगे
मुंबई (ए)। समय के साथ परिवर्तन होता है वैसे ही अब बारिश का मौसम चालू हुआ है।

मानव जीवन का उपयोग आराधना-साधना में कर लेते तो कब के वीतराग बन गए होते
मुंबई (ए)। शाहजहां का बनाया हुआ ताजमहल एक अजायबी है। ईजिप्ट का पिरामिड हमारे लिए एक अजायबी है।

सुख का अनुभव हमें स्वयं करना पड़ेगा, व्यक्ति साधन मात्र से सुखी नहीं होता
मुंबई (ए)। मानवी का एक स्वभाव हो गया है। वह सुख की शोध करता है। उसे नहीं मालूम सुख स्वयं के पास रहा हुआ है।

तृष्णा कभी तृप्त नहीं होती है, अपना मन तृष्णा से भरपूर है
मुंबई। जीवन में एक बार आकांक्षा और आग्रह बन जाता है कि मुझे यह चीज अच्छी लगती है तो इसे किसी भी तरीके से प्राप्त करनी ही है। उसमें यदि पुण्य तेज है तो जो चीज धारी है।

मानव में एक भी दुर्गुण हो तो वह सर्व गुणों का नाश करता है
मुंबई। मानव सर्व गुण संपन्न नहीं होता लेकिन उसमें एक भी दुर्गुण हो तो वह सर्व गुणों का नाश करता है।

जो व्यक्ति स्वयं की बड़ाई करता है ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ता है
मुंबई। परम मंगलकारी परमात्मा का शासन एवं मनुष्य भव को मानव ने अनेक बार मिलाया है।

प्रेम एक ऐसा तत्व है जो संसार में स्वर्ग का द्वार खोलता है
मुंबई। प्रेम एक ऐसा तत्व है जो संसार में स्वर्ग का द्वार खोलता है। पति-पत्नी में प्रेम हो तो स्वर्ग धरती पर ही है भाई-भाई में प्रेम हो तो रामायण का रस यहीं जमीन पर ही है।

इस पृथ्वी पर किसी का भी जन्म निरुद्देश्य नहीं होता
मुंबई। इस पृथ्वी पर किसी का भी जन्म निरुद्देश्य नहीं होता। प्रत्येक के जन्म की अहमियत एवं सार्थकता है। हमारा जीवन कीड़े मकोड़े की तरह अर्थहीन नहीं है। हमारा जन्म एवं जीवन दोनों उद्देश्ययुक्त है।

वैवाहिक जीवन जीने वालों का जीवन मर्यादामय जीवन होना चाहिए
मुंबई। दुनिया में दो प्रकार के लोग देखने को मिलते हैं कुछ लोग वैरागी तो कुछ लोग मौज मस्ती की जिंदगी जीने वाले वैवाहिक जीवन जीना पसंद करते हंै।