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धन का कितना भी संग्रह करो उससे शांति नहीं मिलने वाली है
अहमदाबाद। लोभ के आगे क्षोभ नहीं है। मानवी सुख मिलाने के लिए धन के पीछे दौड़ता है।
लोगों के बीच में अपना स्थान यदि पाना है तो वचन में मीठास लाना जरूरी
अनजान प्रदेश हो या चाहे परिचित प्रदेश हो।
भौतिक सामग्री से सुख प्राप्ति होता है इसीलिए लोग इसके पीछे दौड़ते हैं
मुंबई। इस दुनिया का हर कोई मानव, यही कामना करता है कि उसके मन में जो भी इच्छा प्रकट होती है वह इच्छा पूरी हो।
आज का वर्तमान संसार स्वार्थ परायण बनते जा रहा है
मुंबई। आज का वर्तमान संसार स्वार्थ परायण बनते जा रहा है। हर मानव के जीवन पर दृष्टिपात करने से पता चलेगा कि मानव परोपकारी नहीं बल्कि स्वार्थी बनते जा रहा है।
चाणक्य नीतिः भूलकर भी दूसरों को न बताएं ये राज, भुगतना पड़ सकता है बड़ा खामियाजा
आचार्य चाणक्य अपने ज्ञान, विवेक और कूटनीति के कारण महान व्यक्ति बनें. वे अपनी बुद्धिमता के लिए जाने जाते हैं. उनके पास वह सारे गुण मौजूद थे, जिससे वह खुद को चाणक्य सिद्ध कर सकें। चाणक्य एक शिक्षक थे, लेकिन आचार्य चाणक्य शिक्षक होने के साथ-साथ एक कुशल अर्थ
भगवान श्रीकृष्ण ने केवल अर्जुन को ही क्यों सुनाई थी गीता, जानिए क्या है कारण
हम सभी बहुत सी कथाएं सुनते आए हैं कृष्ण और राम के चरित्र की। पर उनकी दी गई सीख को कितने लोग अपने जीवन में उतार पाते हैं? जो धार्मिक लोग हैं उन्हें लगता है कि वे हमेशा पूरे नियम-कायदे से पूजा-पाठ करते हैं और व्रत-उपवास रखते हैं, फिर भी उनके जीवन से दुख नही
इस तिथि को है भौम प्रदोष व्रत, इस बार बना है यह खास संयोग, जानें क्या है लाभ
हिंदू धर्म में प्रत्येक मास में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण तारीख होती हैं जो पूजापाठ और व्रत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन्हीं में से एक होता है प्रदोष व्रत। इस महीन की त्रयोदशी को प्रदोष का व्रत रखा जाता है और शिवजी के साथ माता पार्वती की पूज
(पितृ पक्ष पर विशेष) पितरों को स्मरण का दिन आज से शुरू, 17 सितम्बर तक चलेगा पितृ पक्ष
लखनऊ। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितरों को स्मरण करने का दिन पितृ पक्ष आज से शुरू हो गया है जो 17 सितम्बर तक चलेगा। इस अवधि में पितरों को तर्पण ,पिंड दान और श्राद्ध किया जाता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त : आज 43 मिनट का समय है श्रीकृष्ण की पूजा के लिए
भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण जन्माष्टमी हर साल मनाई जाती है। हालांकि तिथि और नक्षत्र में समय का अंतर ज्योतिष गणना में कई बार होता है और इसी कारण से मतभेद तारीखों में हो जाता है। मथुरा, वृंदावन आदि में भी आज 1
आज का युग पॉजिटिव एप्रोच के मुताबिक चल रहा है
मुंबई। हरेक के जीवन में सुख के प्रसंग के साथ दु:ख के प्रसंग भी आते है। सुख के प्रसंग में मानवी आनंद एवं प्रसन्नता में रहता है